समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 27 मार्च। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के सामने नया संकट बढ़ रहा है। हरियाणा के दो बड़े नेताओं की बीच बढ़ रहे तनाव के चलते पार्टी के अंदर गुटबाजी जगह ले रही है। राज्य में यह सियासी जंग प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रमुख कुमारी शैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच जारी है। इधर, पार्टी नेतृत्व भी लगातार दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रदेश इकाई दो खेमों- शैलजा और हुड्डा में बटा हुआ
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश इकाई दो खेमों- शैलजा और हुड्डा में बटा हुआ है। हालांकि, दोनों नेताओं ने अभी तक खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ कुछ नहीं बोला है, लेकिन आपसी तनाव जाहिर है। क्योंकि हाल ही के महीनों में दोनों नेताओं ने एक साथ मंच साझा नहीं किया है। एक ओर जहां हुड्डा ‘विपक्ष आपके समक्ष’ अभियान के तहत जिलों का दौरा कर रहे हैं। वहीं, शैलजा अभियान से दूर रहीं और पार्टी के दूसरे संगठन स्तर के मुद्दों को देख रही हैं।
किसका पलड़ा भारी?
माना जाता है कि हुड्डा को पार्टी के 31 विधायकों में से दो दर्जन से ज्यादा का समर्थन हासिल है। इसके अलावा कई पूर्व सांसद और मंत्री भी हुड्डा के वफादार गिने जाते हैं। जबकि, शैलजा को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है। रिपोर्ट में पार्टी पदाधिकारियों के हवाले से बताया कि हुड्डा, शैलजा को हटाकर अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस का प्रमुख बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई जैसे कई नेता इस फैसले के खिलाफ हैं।
राहुल संभाल रहे हैं बिगड़े हाल!
25 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजधानी दिल्ली में सुलह कराने के लिए हरियाणा के नेताओं के साथ बैठक की थी। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान जमकर बहस हुई, क्योंकि हुड्डा समर्थक राज्य में नेतृत्व बदलाव की बात पर जोर दे रहे थे। कथित रूप से दीपेंद्र ने राहुल से अपील की थी कि वे एक सर्वे करें, जिससे पता चल रहे कि उनके पिता या शैलजा में से कौन ज्यादा लोकप्रिय है और किसे ज्यादा समर्थन हासिल है।
चुनाव ‘सामूहिक नेतृत्व‘ के तौर पर लड़ना होगाः राहुल
खबर है राहुल ने हरियाणा के नेताओं से कहा कि उन्हें ‘सामूहिक जिम्मेदारी’ की बात माननी पड़ेगी और चुनाव ‘सामूहिक नेतृत्व’ के तौर पर लड़ना होगा। पार्टी के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल ने इस बात को स्वीकारा कि ‘पार्टी नेतृत्व के सामने गुटबाजी बड़ी चुनौती है।’ बंसल ने कहा, ‘बिल्कुल, यह एक बड़ी चुनौती है, जिसकी वजह से शीर्ष बॉस ने बैठक बुलाई थी।’
शैलजा ने पार्टी में किसी भी तरह के विवाद से किया इनकार
इधर, शैलजा ने पार्टी में किसी भी तरह के विवाद की बात से इनकार किया है। हुड्डा ने कहा, ‘पार्टी के नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है।’ शैलजा ने बताया, ‘राहुल जी ने सभी लोगों को खुलकर बात करने के लिए कहा। सभी ने अपनी चिंताएं साझा कि और केवल हरियाणा ही नहीं, बल्कि अन्य राज्य के भी सियासी हालात को लेकर चर्चा हुई।’