एमआरआई और पेट स्कैन समेत कई महंगी जांचें अब फ्री में, यूपी में बढ़ेगा आयुष्मान योजना का दायरा

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समग्र समाचार सेवा

लखनऊ, 25 अप्रैल। उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी की गई है। इसके तहत जांच का बजट बढ़ाने की तैयारी है। इससे दायरे में आने वाले मरीजों का बेहतर इलाज हो सकेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस दिशा में बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर रही है। योगी सरकार के फैसले के तहत अब प्रदेश में एमआरआई और पेट स्कैन समेत कई महंगी जांच भी मुफ्त में हो सकेंगी।

रेडियोलॉजी जांच पर 5 हजार रुपये की सीमा तय थी

प्रदेश में वर्तमान समय में रेडियोलॉजी जांच पर 5 हजार रुपये की सीमा तय थी। इसमें बदलाव कर दिया गया है। अब इलाज के कुल पैकेज में सभी तरह की रेडियोलॉजिकल जांचों का शुल्क भी जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार की नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने राज्यों को इसका प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश में लागू किए जाने के संकेत मिल रहे हैं।

खर्च का 40 फीसदी भार राज्यों को उठाना होगा

केंद्र सरकार के नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के प्रस्ताव के तहत जांच के बजट में वृद्धि योजना पर होने वाले खर्च का 40 फीसदी भार राज्यों को उठाना होगा। इस योजना में करीब 800 प्रकार के पैकेज की बजट की सीमा बढ़ाई जाएगी। आयुष्मान भारत योजना क तहत रजिस्टर्ड लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज की सुविधा है। अब जांच का बजट बढ़ने के बाद इसका लाभ मरीज रजिस्टर्ड सरकारी और निजी अस्पतालों में उठा पाएंगे।

अभी तक 5 हजार रुपये तक की रेडियोलॉजी जांच ही हो पाती थी

अभी तक नियम था कि 5 हजार रुपये तक की रेडियोलॉजी जांच ही आयुष्मान भारत कार्ड के जरिए कराई जा सकती थी। जांच का खर्च बढ़ने के बाद मरीजों को इसका भुगतान करना पड़ता था। इससे कई बार मरीज उचित जांच नहीं करा पाते थे और उनकी बीमारी बढ़ जाती थी। अब पैकेज में बीमारी के हिसाब से जांचों का शुल्क जोड़ने की योजना से लोगों को परेशानी से राहत मिल जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर शुरू हुई तैयारी

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर आयुष्मान भारत योजना के तहत आए प्रस्तावों को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस संबंध में सरकार की ओर से विधिवत आदेश जारी हो सकता है। राज्य स्वास्थ्य समिति से संबंद्ध संगीता सिंह ने बताया कि केन्‍द्र सरकार से पत्र मिला है, जिसमें जांच बजट में संशोधन की बात है। उत्तर प्रदेश में आयुष्मान कार्ड धारी सदस्यों की संख्या करीब छह करोड़ है। इन्हें सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में करीब 5 लाख रुपये तक का इलाज फ्री में दिए जाने की सुविधा है।

क्यों हो रहा है बदलाव?

आयुष्मान भारत योजना में बदलाव की सबसे बड़ी वजह मरीजों को होने वाली दिक्कत है। योजना के तहत जांच के लिए अभी तक पांच हजार रुपये का शुल्क तय है। इससे कैंसर, न्यूरो, हॉर्ट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। बाहर में एमआरआई जांच पर साढ़े 3 हजार से 7 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। वहीं, पैट स्कैन की कीमत बाजार में 11 से 15 हजार रुपये है। सीटी स्कैन भी एक से डेढ़ हजार रुपये में होता है। इससे गरीबों को इलाज कराना काफी महंगा पड़ रहा था। सरकार ने इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए योजना में बदलाव किया है।

 

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