समग्र समाचार सेवा
आगरा, 27 अप्रैल। अयोध्या की तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने आगरा ताजमहल में उन्हें जाने से रोकने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भगवा पहने होने की वजह से उन्हें रोका गया। हालांकि, अफसरों का दावा है कि जगद्गुरु को लोहे का ब्रह्मदंड अंदर ले जाने से मना किया गया था। विवाद बढ़ने पर अफसरों ने माफी भी मांग ली है।
शिव की पिंडी देखने पहुंचे थे
परमहंसाचार्च का कहना है कि वे ताजमहल में दबा शिवलिंग देखने पहुंचे थे। शाम 5.35 बजे वो अपने शिष्यों के साथ ताजमहल में प्रवेश करने लगे तो वहां मौजूद सीआईएसएफ जवानों ने उन्हें रोक दिया। उनके भगवा कपड़ों और लोहे के ब्रहमदंड को लेकर आपत्ति की गई। यहां बातचीत होने के बाद उनके टिकट ले लिए गए। उनके शिष्य ने जब उनकी फोटो खींचने का प्रयास किया तो मोबाइल छीनकर फोटो डिलीट करवा दिए गए।
ब्रह्मदंड और भगवा पहन कर ताजमहल में हुई एंट्री
ताजमहल में एंट्री को लेकर चल रहे बवाल के बीच प्रशासन बैकफुट पर आया। हिंदूवादी नेता ब्रह्मदंड और भगवा पहन कर ताजमहल में घुसने के लिए पहुंचे। हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर को ताजमहल में एंट्री दी गई। हालांकि उनसे राम नाम का दुपट्टा उतरवा लिया गया है। अब हिंदूवादी नेता कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।
सीआईएसएफ कर्मचारियों ने भगवा कपड़ों पर की आपत्ति
परमहंसाचार्य ने बताया कि अलीगढ़ के एक भक्त परिवार में एक महिला की तबीयत खराब थी। जिन्हें आशीर्वाद देने के लिए वो अलीगढ़ तक आए थे। फिर वो अपने 3 शिष्यों के साथ आगरा पहुंचे। यहां ताजमहल देखना था। उनके साथ सरकारी गनर भी मौजूद था। श्मशान घाट चौराहे से वो ताजमहल के लिए निकले थे। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनका परिचय जानकर गोल्फ कार्ट में बैठाकर पश्चिमी गेट तक भेज दिया।
पुतला लेकर विरोध जताने पहुंचे हिंदूवादी
ताजमहल में परमहंस के प्रवेश न देने के बाद हिंदूवादियों ने विरोध तेज कर दिया है। इसको देखते हुए आगरा में एएसआई कार्यालय पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सुबह करीब 11 बजे हिंदूवादी एएसआई के विरोध में पुतला लेकर पहुंच गए। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने पुतला छीन लिया। हिंदू महासभा ने एएसआई के खिलाफ तहरीर दी है।