समान नागरिक संहिता’ पर चल रही बहस, आएंगे सकारात्मक परिणामः मुख्तार अब्बास नकवी

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 2 मई। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि देश में समान नागरिक संहिता पर चल रही बहस देश के लिए सकारात्मक और रचनात्मक परिणाम देगी। उन्होंने कहा कि नकारात्मक और सकारात्मक ही दो परिणाम हैं, अच्छी बात यह है कि बहस हो रही है।

समान नागरिक संहिता हमारे हमारी जिम्मेदारियों में से एक

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि समान नागरिक संहिता हमारे संवैधानिक अधिकारों के साथ हमारी जिम्मेदारियों में से एक है। आज जब हम स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, यह विषय राष्ट्रीय बहस के रूप में उभरा है। बहुत से लोग इसे पसंद करते हैं और बहुत से लोग नहीं करते हैं। लोग अपनी राय सामने रख रहे हैं, या तो सकारात्मक या नकारात्मक लेकिन चर्चा जारी है। मुझे यकीन है कि देश इस राष्ट्रीय बहस से सकारात्मक और रचनात्मक परिणामों का अनुभव करेगा।

बहुविवाह की प्रथा को समाप्त करना जरूरीः हिमंत बिस्वा सरमा

इसके साथ ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि बहुविवाह की प्रथा को समाप्त करने के लिए देश में समान नागरिक संहिता लागू की जानी चाहिए। सरमा ने आगे कहा कि अगर समान नागरिक संहिता लागू नहीं की जाएगी तो हमारे समाज में बहुविवाह प्रणाली जारी रहेगी जहां एक पुरुष महिलाओं, हमारी माताओं, बहनों के मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए 3-4 बार शादी करता है। हमारे मुस्लिमों के अधिक से अधिक हित के लिए समान नागरिक संहिता लागू की जानी चाहिए। लड़कियों और महिलाओं की भलाई के लिए पुरुष बहुविवाह में शामिल न हो।

यूसीसी को दुनिया में पहली बार नहीं किया जा रहा है पेश

असम के मुख्यमंत्री के बयान को प्रोत्साहित करते हुए नकवी ने कहा कि समान नागरिक संहिता एक रचनात्मक बहस है और सकारात्मक और नकारात्मक चर्चा का एक हिस्सा है। बात यह है कि बहस होनी चाहिए। लोगों को इस विषय पर अधिक सकारात्मक बहस करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यूसीसी को दुनिया में पहली बार पेश नहीं किया जा रहा है, हमारे संविधान निर्माताओं ने कहा कि हमें यूसीसी को अपनाने की ओर बढ़ना चाहिए। यह अलग बात है कि हमें चलते हुए 75 साल हो गए हैं।

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