किसी भी धार्मिक शैक्षणिक संस्थान को सरकारी धन से संचालित करने की नहीं मिलेगी अनुमति- असम सरकार 

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समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 9अक्टूबर।

असम की सर्बानंद सोनोवाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जी हां  सोनोवाल सरकार में मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को ऐलान किया कि प्रदेश के सभी सरकारी मदरसों को बंद कर दिया जाएगा क्योंकि जनता के पैसों से धार्मिक शिक्षा देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में सभी सरकारी मदरसों को बंद कर दिया जाए। सरमा ने कहा कि इस आदेश को लेकर अगले महीने एक अधिसूचना जारी की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक जल्द ही सरकारी मदरसों को बंद कर दिया जाएगा। सरमा ने कहा है कि वे नवंबर में एक अधिसूचना जारी करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम निजी तौर पर चलने वाले मदरसों के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।

बता दें कि असम सरकार के फैसले से  नाराज एआईयूडीएफ सुप्रीमो और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार सरकारी मदरसों को बंद कर देती है तो उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद उन्हें फिर से खोल देगी।

गौरतलब है कि फरवरी में हेमंत विश्व सरमा ने कहा था कि हमने सभी मदरसों और संस्कृत स्कूलों को हाई स्कूलों और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में बदलने का फैसला किया है, क्योंकि राज्य धार्मिक संस्थानों को फंड नहीं दे सकते। हालांकि, गैर सरकारी संगठनों/ सामाजिक संगठनों द्वारा संचालित मदरसे जारी रहेंगे। बाद में सरमा ने सफाई दी कि धर्मनिरपेक्ष देश में किसी भी धार्मिक शिक्षा के लिए सरकारी पैसों को खर्च नहीं किया जा सकता है। हालांकि, गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरमा ने कहा कि संस्कृत की शिक्षा का मामला अलग है।

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