मोदीजी भारतीय संस्कृति के प्राचीन तीर्थ स्थलों का पुनरुत्थान करने और श्रद्धालुओं को सुविधाएँ देने के लिए निरंतर कार्यरत हैं- अमित शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कैबिनेट द्वारा 2798 करोड़ रूपए से तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल परियोजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14जुलाई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट द्वारा 2798 करोड़ रूपए से तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल परियोजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया है।

ट्वीट्स के माध्यम से श्री अमित शाह ने कहा कि “मोदी जी भारतीय संस्कृति के प्राचीन तीर्थ स्थलों का पुनरुत्थान करने और श्रद्धालुओं को सुविधाएँ देने के लिए निरंतर कार्यरत हैं। आज गुजरात के लिए एक बड़ा दिन है। मोदीजी ने गुजरात के दो प्रसिद्ध तीर्थस्थल माँ अम्बाजी मंदिर व श्री अजितनाथ जैन मंदिर को रेल से जोड़ने का निर्णय किया है।”

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि “116.65 किमी लंबी इस रेल लाइन से यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी व क्षेत्र के विकास को और गति मिलेगी। केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ₹2798 करोड़ से तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल परियोजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ।”

तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड स्वीकृत नई रेल परियोजना के अंतर्गत अहमदाबाद और आबू रोड के बीच वैकल्पिक रेल मार्ग खुलेगा,जिससे क्षेत्र के लोगों को न केवल सुगम रेल यातायात की सुविधा मिलेगी बल्कि इससे सामाजिक और आर्थिक विकास के द्वार भी खुलेंगे। स्वीकृत रेल लाइन राजस्थान के सिरोही और गुजरात के बनासकांठा,साबरकांठा और महेसाना ज़िलों से होकर गुज़रेगी। नए रेलमार्ग से दोनों राज्यों के लोगों को लाभ तो होगा ही,साथ ही कृषि उपज और स्थानीय उत्पादों का तीव्र परिवहन संभव होगा तथा रोज़ग़ार का सृजन भी होगा।

नई रेल लाइन से क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और आर्थिक प्रगति भी होगी। गुजरात स्थित अंबाजी प्रसिद्ध प्रसिद्ध तीर्थस्थल है और 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस रेल लाइन से अम्बाजी मंदिर और तारंगा हिल स्थित प्रसिद्ध अजितनाथ जैन मंदिर तक कनेक्टिविटी बढ़ने से न केवल देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की यहां तक पहुंच आसान होगी बल्कि गुजरात और राजस्थान में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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