सर्व-धर्म सम्भाव ‘भारतीय जीवन पद्धति का मूल मंत्र’- सत्य पाल जैन

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा

चण्डीगढ़, 18 जुलाई। चण्डीगढ़ के पूर्व सांसद एवं भारत सरकार के अपर महासलिसिटर श्री सत्य पाल जैन ने कहा कि सर्व-धर्म सम्भाव का सिंद्धात भारतीय जीवन पद्धति, जीवन शैली एवं सामाजिक हस्ती का मूल मंत्र है, जिसके अनुसार सभी धर्मो को समान सम्मान देना है। श्री जैन ने कहा कि भारत की परम्परा सहयोग एवं सह-अस्तित्व की है, न की टकराव और अंधाधुंध विरोध की।

श्री जैन आज सांय सैक्टर 19 के कैथोलिक चर्च में ‘अन्तर-धार्मिक प्रार्थना और सांप्रदायिक समन्वय संगोष्ठी’के विषय पर मुख्य अतिथि के नाते बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में सभी धर्मो के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।

श्री जैन ने कहा कि सभी धर्मो और सभी विचारों का बराबर का सम्मान भारतीय परंपरा का अटूट अंग रहा है और इसी कारण भारत सदैव धर्म निरपेक्ष देश रहा है। 1950 में अपनायें गये भारत के संविधान ने भी सभी धर्मो को बराबर का स्थान दिया तथा सरकार द्वारा किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव पर प्रतिबंध लगाया। विभिन्न धार्मिक ग्रन्थों से उदाहरण देते हुये श्री जैन ने कहा कि समूची मानवता को एक ही छवि से देखना, सभी धर्मो का मूल संदेश है। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय चाहे वो किसी भी धर्म जाति या भाषा के हों एक हैं और सभी मिलजुल कर भारत को दुनिया का विश्व गुरू बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

श्री जैन ने कहा कि हर भारतीय का यह कर्तव्य है कि वह अपने ढंग से अपने-अपने धर्म की पालना करते हुये अपना जीवन व्यतीत करे, परन्तु उसके साथ-साथ दूसरे धर्म के लोगों का भी पूरा सम्मान करे।

इस कार्यक्रम में विभिन्न धर्मो के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे, जिनमें श्री अर्नस मसीह, डां0 सुधीर कुमार, श्री अरविंद नोयल, सिस्टर मनीषा, श्री अनिल सरवाल, श्री गुरप्रीत सिंह और मुफती अनस भी शामिल थे।

 

पंजाब विश्वविद्यालय के नॉन पेंशनर्स का प्रतिनिधिमंडल सत्य पाल जैन से मिला

चण्डीगढ़, 18 जुलाई को पंजाब विश्वविद्यालय का नॉन पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने कल सांय चण्डीगढ़ के पूर्व सांसद श्री सत्य पाल जैन से उनके निवास पर मुलाकात की तथा उन्हें सिंडीकेट में चुने जाने पर बधाई दी एवं अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी दिया।

प्रतिनिधिमंडल ने श्री जैन से निवेदन किया कि पंजाब विश्वविद्यालय के नॉन पेंशनर्स का मुद्दा काफी देर से लंबित पड़ा है तथा मांग की कि इस मामले को तुरंत हल किया जाये ताकि सभी कर्मचारियों को पेंषन मिल सके।

श्री जैन ने प्रतिनिधिमंडल को बड़े ध्यान से सुना और उन्हें विश्वास दिलाया कि इस सम्बंध में पंजाब विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों से बात करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के चेयरमैन प्रो0 वेद प्रकाष उपाध्याय, प्रैजिडेंट श्री लाजपत राय, प्रो0 आषा मोदगिल, श्रीमति वेद कुमारी, श्री प्रकाष शर्मा, श्री महिन्द्र पाल, श्रीमति सरिता गुप्ता, श्री सोम प्रकाष, श्री काषी नाथ पाण्डेय, श्री तरलोक चंद, श्री वरिंदर कुमार, श्री एस.एस. बैंस, श्री सुभाष और एसोसिषन के अन्य सदस्य भी शामिल थे।

 

 

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.