आरबीआई ने लगातार तीसरी बार बढ़ाया रेपो रेट, जानें गवर्नर कें घोषणा की खास बातें

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5अगस्त। शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के दौरान, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तत्काल प्रभाव से रेपो दर में 50 बीपीएस से 5.40% की बढ़ोतरी की घोषणा की

आरबीआई गवर्नर की घोषणा की खास बातें
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक की 6% सीमा से ऊपर रहने की उम्मीद है.
लगातार उच्च मुद्रास्फीति की उम्मीदों को अस्थिर कर सकती है और मध्यम अवधि में विकास को नुकसान पहुंचा सकती है.
आरबीआई गवर्नर के अनुसार, वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता घरेलू वित्तीय बाजारों पर असर डाल रही है, जिससे आयातित मुद्रास्फीति बढ़ रही है.
मुद्रास्फीति अप्रैल में अपने उच्च स्तर से नीचे आ गई है, लेकिन यह असुविधाजनक रूप से उच्च बनी हुई है और लक्ष्य की ऊपरी सीमा से ऊपर है.
एमपीसी ने वृद्धि का समर्थन करते हुए मुद्रास्फीति को लक्ष्य के भीतर रखने के लिए ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है.
सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) और बैंक दरों को 5.65% पर संशोधित किया गया है. राज्यपाल के अनुसार एसडीएफ दर को 5.15% समायोजित किया गया था.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति असहज रूप से उच्च बनी हुई है और इसके 6% से ऊपर रहने की उम्मीद है.
FY23 के लिए CPI पूर्वानुमान को 6.7% पर अपरिवर्तित रखा गया है
Q1- 2023-24 के लिए CPI मुद्रास्फीति 5% पर अनुमानित है
गवर्नर ने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.4% करने के बाद भारत के 10 साल के बॉन्ड पर पैदावार 7 आधार अंक बढ़कर 7.23% हो गई.
जून-जुलाई के दौरान एलएएफ के तहत औसत दैनिक अवशोषण 3.8 लाख करोड़ के साथ अधिशेष में समग्र प्रणाली तरलता जारी है.
वाणिज्यिक बैंकों से धन आपूर्ति (एम 3) और बैंक क्रेडिट में वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) हुई. 15 जुलाई, 2022 को क्रमशः 7.9 प्रतिशत और 14.0 प्रतिशत.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 29 जुलाई, 2022 तक 573.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एफडीआई प्रवाह भी सुधरकर 13.6 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 11.6 अरब डॉलर था.
आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में भारत बिल भुगतान प्रणाली को सीमा पार से आवक बिल भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाने का भी प्रस्ताव रखा.
यह अनिवासी भारतीयों को भारत में अपने परिवारों की ओर से उपयोगिताओं, शिक्षा और अन्य एसयूएच भुगतानों के लिए बिल भुगतान करने में सक्षम करेगा. इससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को लाभ होगा.

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.