भ्रष्टाचार का अंत, जोरदार धमाके के बाद मलबे के ढेर में बदल गया ट्विन टावर, आस-पास की बिल्डिंग सुरक्षित
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28अगस्त। लंबी प्रक्रिया के बाद आखिरकार नोएडा स्थित सुपरटेक के दो ट्विन टावर जमींदोज कर दिया गया. एक धमाके की आवाज और पलक झपकते ही दो गगनचुंबी इमारतें मिट्टी के ढेर में तब्दील हो गईं।
धमाके के बाद पूरा इलाके धुएं के गुबार में डूब गया है, इसके छटनें के बाद ही साफ हो पाएगा कि धमाका प्लानिंग के अनुरुप ही हुआ है या फिर अपने साथ नुकसान की जद में कुछ और ले बैठा है. इस बिल्डिंग को गिराने में 17 करोड़ खर्च हुए हैं, जिसे बिल्डर को ही उठाना पड़ा है. बताते चलें कि आज सुबह से ही आस-पास की सोसायटीज को खाली कराने की प्रक्रिया चल रही थी. पल पल की अपडेट्स के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें।
आज शाम 6. 30 बजे के बाद ट्विट टावर के आसपास की सोसायटी में लोग जा सकेंगे ।
ट्विन टावर जमींदोज होने के बाद ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को खोल दिया गया है। आस-पास की बिल्डिंग सुरक्षित है।
वहीं इस ब्लास्ट के काम से जुड़े इंजीनियर चेतन दत्ता ने कहा कि वो ब्लास्ट के दौरान ट्विन टावर की इमारत से महज 70 मीटर की दूरी पर थे. दत्ता ने कहा, ‘डेमॉलिशन का काम शत-प्रतिशत सफल रहा. पूरी बिल्डिंग को गिराने में 9-10 सेकेंड का समय लगा. मेरी टीम में 10 लोग थे, जिसमें से 7 विदेशी विशेषज्ञ और एडिफिस इंजीनियरिंग के 20-25 लोगों की टीम हर संभावना पर नजर रखे थी.
धूल के गुबार और प्रदूषण के नियंत्रण के लिए लगाई गईं स्मॉग गन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा के ट्विन टावर को गिराने के लिए 18 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्विन टावर को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटकों का उपयोग किया गया है. ट्विन टावर को ध्वस्त करने से पहले ब्लास्ट से उठने वाले धूल के गुबार और प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए चारों तरफ जगह-जगह स्मॉग गन लगाई गईं थी.