छत्तीसगढ़ अपडेट- राज्यपाल अनुसुईया उइके- राज्यपाल उइके ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का किया अनावरण
समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 22 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने 18 अक्टूबर को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में स्थित स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान प्रदेश के कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, विश्वविद्यालय के कुलपति श्री गिरीश चंदेल तथा प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
राज्यपाल उइके से राज्य के विभिन्न प्रतिनिधियों ने की मुलाकात
रायपुर, 21 अक्टूबर। राज्यपाल अनुसुईया उइके से आज राजभवन में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह, माध्यमिक शिक्षा मण्डल के सचिव श्री विजय गोयल, राम मंदिर समिति रायपुर के श्री मनोज गोयल, श्री अभिषेक परसरामपुरिया, श्री मोहन वल्यानी एवं साध्वी प्रतिमा ने मुलाकात की।
इस अवसर पर इन प्रतिनिधियों ने राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके को दीपावली पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल सुश्री उइके ने भी सभी प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए दीपावली की शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने राजभवन के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दीपावली की दी शुभकामनाएं
रायपुर, 21 अक्टूबर 2022/ राजभवन में दीपावली मिलन के कार्यक्रम में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने राजभवन के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी और उपहार वितरित किए। साथ ही उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के परिजनों के लिए सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी राज्यपाल को दीपावली की शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि राजभवन छत्तीसगढ़ की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप निरंतर कार्य कर रहा है। इसमें राजभवन के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आज लोगों का राजभवन के प्रति एक विश्वास जागा है। इस विश्वास को हमें बरकरार रखना है। आज राजभवन जो ‘जनभवन’ के रूप में परिवर्तित हो रहा है, ऐसा राजभवन परिवार के सहयोग से ही संभव हो पा रहा है।
राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो ने भी अपना संबोधन दिया और सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री राजेश श्रीवास्तव, राज्यपाल के उप सचिव श्री दीपक कुमार अग्रवाल, राज्यपाल के परिसहाय श्री विवेक शुक्ला, चिकित्सा अधिकारी डॉ. रूपल पुरोहित एवं डॉ. शिशिर साहू सहित राजभवन के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
अशांत क्षेत्रों में तैनात पुलिस के जवानों ने अपने साहस का लोहा मनवाया, उनकी तैनाती ढाल की तरह: राज्यपाल सुश्री उइके
राज्यपाल सुश्री उइके और गृहमंत्री श्री ताम्रध्ज साहू पुलिस स्मृति दिवस परेड में हुए शामिल
यपुर, 21 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज माना स्थित चौथी बटालियन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में शामिल हुई और शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल सुश्री उइके और गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने राष्ट्रगान की धुन पर परेड की सलामी भी ली।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने पुलिस स्मृति दिवस परेड को संबोधित करते हुए पुलिस के शहीद वीर जवानों को नमन किया। उन्होंने कहा कि स्मृति दिवस अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद पुलिस जवानों के अदम्य साहस और पराक्रम का स्मरण कराता है। राज्यपाल सुश्री उइके ने भगवत गीता में उल्लेखित पुलिस के ध्येय वाक्य परित्राणाय साधुनाम के अर्थ को पुलिस द्वारा सार्थक बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि समय के साथ देश ने अपनी सामरिक क्षमता बढ़ाने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। पुलिस के जवानों को बेहतर प्रशिक्षण और जरूरी सुविधाएं मिलने से उनका मनोबल बढ़ा है। देश की आंतरिक सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने निरंतर शांति व सौहार्द्र स्थापित करने में अपना योगदान दिया है। हमें ऐसी धारणा नहीं बनानी चाहिए कि पुलिस के जवान केवल आंतरिक क्षेत्रों में ही सेवाएं देंगे, यदि सीमा पर हमें जवानों की आवश्यकता होगी तो वे देश रक्षा के अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में पुलिस के जवानों ने किस प्रकार चौबीस घंटे, सातों दिन लोगों की सेवा की और अपना कर्त्तव्य निभाया। पुलिस की कार्यप्रणाली और दायित्व सबसे अलग है। पुलिस की सजगता व सतर्कता से ही समाज में शांति व सौहार्द्र बना रहता है और लोग चौन से रह पाते हैं। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि पुलिस कर्मियों के प्रति अपने व्यवहार में संवेदनशीलता लाएं और मानवीय दृष्टिकोण रखें। उन्होंने कहा कि आपका मृदु व्यवहार उनके तनाव प्रबंधन में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है, जो उन्हें अपने दायित्वों को बेहतर ढंग से निभाने की प्रेरणा भी देगा। इस आशय से सांस्कृतिक और शारीरिक गतिविधियों का आयोजन उनकी क्षमता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश नक्सल समस्या से ग्रसित है। अशांत क्षेत्रों में तैनात हमारे पुलिस के जवानों ने कई मौकों पर अपने साहस का लोहा मनवाया है। उनकी तैनाती ढाल की तरह है, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विस्तार में कमी आई है। हमारे जवानों के साहस, पराक्रम और सूझबूझ से नक्सलियों का दायरा सीमित हुआ है और राज्यपाल ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में नक्सल समस्या का पूर्ण रूप से उन्मूलन होगा।
गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस स्मृति दिवस परेड को संबोधित करते हुए जांबाज अधिकारियों और जवानों की शहादत को स्मरण और नमन किया। उन्होंने कहा कि वीर जवानों ने नक्सली व अन्य घटनाओं में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है और प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात रहकर निरंतर अपने दायित्वों का निर्वहन भी कर रहे हैं। गृहमंत्री श्री साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस बल को सुरक्षा, सम्मान व सुविधाएं देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं। परिणाम स्वरूप नक्सली घटनाओं में कमी आई है। अपने संबोधन के अंत में गृहमंत्री ने शहीद जवानों के परिजनों को भी विश्वास दिलाया कि शासन सदैव उनके साथ खड़ी है।
तत्पश्चात् राज्यपाल और गृहमंत्री ने वर्ष 2022 के तीन अमर शहीदों आरक्षक अर्जुन कुड़ियम, सहायक आरक्षक गोपाल कड़ती और प्रधान आरक्षक सालिक राम मरकाम को भी श्रद्धांजलि दी। स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने श्रद्धांजलि उद्बोधन दिया।
शहीद परिजनों से मिले राज्यपाल और गृहमंत्री, संवेदना व्यक्त करते हुए सदैव साथ खड़े रहने का दिलाया विश्वास
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके और गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने शहीद पुलिस अधिकारियों व जवानों के परिजनों से भेंट की और अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए सदैव उनके साथ खड़े रहने का विश्वास दिलाया। राज्यपाल ने शॉल और श्रीफल देकर शहीदों के परिजनों का सम्मान भी किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने शहीदों के बेटे-बेटियों से मिलकर अभिभावक की तरह उन्हें दुलारा और स्नेह किया तथा आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी।
इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव गृह श्री मनोज पिंगुआ, डी.जी. श्री संजय पिल्ले, ए.डी.जी.पी. श्री हिमांशु गुप्ता, श्री प्रदीप गुप्ता, श्री अरूणदेव गौतम, श्री पवनदेव, श्री एस.आर.पी. कल्लूरी, आई.जी. श्री आनंद छाबड़ा श्री ओ.पी. पॉल, श्री एस.सी. द्विवेदी, श्री संजीव शुक्ला उपस्थित थे।
जनजातीय समाज को अधिक संगठित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने और युवाओं को जोड़ने की आवश्यकता: सुश्री उइके
राज्यपाल सुश्री उइके आदिवासी जनसंपर्क एवं जनजागृति पदयात्रा के समापन कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुईं
रायपुर, 20 अक्टूबर 2022/ राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में आदिवासी समाज संगठनों के तत्वावधान में आयोजित आदिवासी जनसंपर्क एवं जनजागृति पदयात्रा के समापन कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुईं। राज्यपाल ने पदयात्रा की सफलता के लिए सभी समाज प्रमुखों और प्रतिनिधियों को बधाई दी।
वर्चुअल रूप से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि यह पहला अवसर है, जब आदिवासी संगठनों ने अपने समाज के दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों की समस्याओं को सामने लाने के लिए पदयात्रा की। लगभग 300 किलोमीटर की लंबी पदयात्रा के माध्यम से जनजातीय समाज की समस्याओं को निकटता से समझने और शासन-प्रशासन को अवगत कराने की यह पहल सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं किन्तु जनजातीय समुदाय आज भी अपने वास्तविक अधिकारों के लिए संघर्षरत् हैं। जनजातीय समाज को अधिक संगठित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा और समाज के युवाओं को भी इससे जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि समाज का उत्थान संभव हो सके। उन्होंने कहा कि दूरस्थ बसाहटों में रहने वाले आदिवासियों के पास मूलभूत सुविधाओं में उपलब्धता का अभाव देखा जाता है, जिसे दूर करने में पदयात्रा ने बड़ी भूमिका निभाई है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आदिवासियों के आय का प्रमुख स्रोत लघु वनोपज है। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहकों की राशि न मिलने के बारे में जानकारी मिलने पर उनके द्वारा किये गये प्रयासों की जानकारी दी। फलस्वरूप आदिवासी संग्राहकों की राशि का भुगतान हुआ। उन्होंने पेसा कानून के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों में पेसा सर्वमान्य है। पेसा कानून के प्रावधानों के बारे में युवाओं को भी जानकारी दें और समाज के अन्य लोग भी जागरूक हों। पेसा कानून के द्वारा जनजातियों के अधिकारों व हितों की रक्षा सुनिश्चित हो पाएगी। राज्यपाल सुश्री उइके ने अपने जनजातीय आयोग के कार्यकाल का स्मरण करते हुए, उस दौरान आदिवासियों के कल्याण के लिए किए गए प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जनजातीय समाज से आने वाली महिला देश की राष्ट्रपति हैं। इससे भी समाज को संबल मिला है। राज्यपाल ने कहा कि इस पूरी पदयात्रा में आदिवासी बहनों की भी भूमिका अग्रणी रही है। उन्होंने महिलाओं की हौसला अफजाई की और उनके नेतृत्व पर खुशी व्यक्त किया। राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राजभवन में कोंटा से लेकर बलरामपुर के लोग कभी भी आकर अपनी समस्याएं रखते हैं और उसका निराकरण किया जाता है। राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश मेरी कर्मभूमि रही है, समान रूप से वहां से मेरा भावनात्मक जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि नर्मदापूरम के आदिवासियों को मेरी जरूरत पड़े तो मैं सदैव उनका सहयोग करूंगी। इस दौरान राज्यपाल ने जनजातीय संस्कृति और प्रकृति के साथ संबंधों पर भी अपने विचार व्यक्त किए। संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को मुख्य धारा से जुड़कर समाज के उत्थान में अपनी भागीदारी निभानी होगी, निश्चित ही उनको उनका अधिकार मिलेगा।
इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती सम्पतिया उइके, आदिवासी महिला संगठन नर्मदापुरम की प्रदेश संरक्षक श्रीमती मंजू धुर्वे, महिला संगठन नर्मदापुरम की अध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी धुर्वे सहित बड़ी संख्या में पदयात्रा में शामिल आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थित थे।
राज्यपाल उइके को पुलिस स्मृति दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया
रायपुर, 18 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज राजभवन में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद सिन्हा ने मुलाकात की। राज्यपाल सुश्री उइके को ए.डी.जी. श्री सिन्हा ने चौथी बटालियन माना में 21 अक्टूबर को आयोजित किये जाने वाले पुलिस स्मृति दिवस के लिए आमंत्रण दिया।
कृषि विकास के लिए हो रहे अनुसंधान का लाभ सभी किसानों को मिलना चाहिए: राज्यपाल सुश्री उइके
प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में करना होगा सार्थक प्रयास: राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके
किसानों की मेहनत के साथ कृषि संसाधन एवं अनुसंधान कृषि विकास के लिए आवश्यकः श्री रविन्द्र चौबे
राज्यपाल पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्नीवाल 2022’’ का समापन समारोह में हुई शामिल
रायपुर, 18 अक्टूबर 2022/ छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा अनुसंधान संस्थानों में हो रहे अनुसंधान कार्यों का लाभ किसानों तथा आम जनता को मिलना चाहिए, तभी उनकी सार्थकता है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नवीन कृषि प्रौद्योगिकी, नवीन फसल प्रजातियों, कृषि यंत्रों एवं अन्य अनुसंधानों से छत्तीसगढ़ के किसान लाभान्वित हो रहे हैं और निरंतर विकास की राह पर बढ़ रहे हैं। राज्यपाल ने कहा किकृषि विकास के लिए कृषि अनुसंधान का लाभ फील्ड स्तर पर सभी किसानों को अवश्य मिलना चाहिए। नई तकनीकों, उन्नत प्रजाति के फसलों एवं नवीन कृषि उपकरणों की पहुंच उन तक होनी चाहिए।
ऐसे में नवीन कृषि अनुसंधानों एवं प्रौद्योगिकी को किसानों एवं आम जनता तक पहुंचाने में एग्री कार्नीवाल जैसे आयोजनों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
राज्यपाल सुश्री उइके आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा राज्य शासन के कृषि विभाग, छत्तीसगढ़ बायोटेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी, अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, मनीला (फिलीपींस), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), कंसल्टेटिव ग्रुप ऑफ इन्टरनेशनल एग्रीकल्चरल रिसर्च, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), एनएबीएल तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्नीवाल 2022’’ के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थी। उन्होंने इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित अनुसंधान गतिविधियों का जायजा भी लिया।
उन्होंने युवा पीढ़ी की कृषि विकास में उल्लेखनीय भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि युवा-पीढ़ी कृषि से दूर होती जा रही है। इसलिए कृषि में हो रहे नए-नए अनुसंधान और नई तकनीकों से युवाओं को परिचित करना होगा ताकि कृषि विकास में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी कृषि विकास के लिए कई योजनाएं प्रारंभ की है। जिसका लाभ युवाओं और किसानों को अवश्य लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा नाम से विशेष पहचान मिली है।अब छत्तीसगढ़ को विविध फसलों के उत्पादन में भी अपनी पहचान बनानी होगी। इसके लिए उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी होगी।राज्यपाल ने कहा कि हमारे किसानों को बड़े स्तर पर समन्वित कृषि की ओर बढ़ना होगा। तभी हमारे ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा। साथ हीइस दिशा में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही नवीन योजनाओं एवं विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की उन्होंने सराहना की।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल एवं कृषि प्रधान राज्य है। यहां की कृषि अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए खेती में नवीनतम कृषि तकनीक, मशीनरी, उन्नत बीज, आधुनिक तरीके से खेती और सिंचाई के उन्नत उपायों को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित किए जाने की आवश्यकता है। यहां के आदिवासी अपने जीवन यापन हेतु वनोपज और कृषि पर मुख्य रूप से निर्भर हैं। इनके उत्थान हेतु कार्य करना एवं इन्हें मुख्य धारा में शामिल करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने जलवायु परिवर्तन का भी उल्लेख करते हुए कहा कि आज के दौर में भारतीय उपमहाद्वीप में हजारों ग्लेशियर पिघलने की स्थिति में हैं। इससे करोड़ांें की आबादी प्रभावित होगी। इनसे न केवल पीने के पानी की समस्या होगी बल्कि बाढ़ का खतरा आदि की समस्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन को हम-आप सभी रोज ही महसूस कर रहे हैं। मौसम में परिवर्तन और ऋतुओं का चक्र अनियमित हो गया है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन मनुष्य के लालच का परिणाम है। इसलिए हमें संसाधनों के बेतहाशा दोहन से बचना होगा। महात्मा गांधी के कथन का उल्लेख करते हए उन्होंने कहा कि ‘‘प्रकृति मानव की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, किन्तु हर मनुष्य के लालच की पूर्ति नहीं करती।’’ इस दिशा में सिर्फ वैज्ञानिक समुदाय को नहीं बल्कि हम सभी को सोंचना और सार्थक प्रयास करना होगा।
हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति में पृथ्वी को हमेशा से माता का दर्जा दिया गया है। किन्तु अब औद्योगिकीकरण, आधुनिकीकरण के कारण प्रकृति का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है।किंतु इसके लिए विशेष उपाय नहीं किये जा रहे हैं। जिसके भयावह दुष्परिणाम अब गांवों में भी देखे जा रहे हैं। भूजल का स्तर नीचे जाने से खेतों में सिंचाई के लिए एवं पीने के पानी के लिए परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हालात अभी नियंत्रण में हैं परंतु शीघ्र ही हमें इसके लिए बड़े निर्णय लेने होंगे।हम सबको प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण पर गंभीरतापूर्वक सोचना पड़ेगा। उन्होंने इस दिशा में वहां उपस्थित विद्वानों से सार्थक प्रयास करने की इच्छा जताई।
उन्होंने कहा कि इन चार दिनों से यहां आयोजित विभिन्न सम्मेलनों, कार्यशाला, संगोष्ठियों में शामिल होकर आपको छत्तीसगढ़ में हो रहे अनुसंधानों और यहां की स्थानीय कृषि पद्धतियों, फसलों की प्रजातियों आदि के संबंध में किसानों एवं लोगों को जानकारी प्राप्त हुई होगी। इस मड़ई के आयोजन से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे कृषि अनुसंधान, फसल की नई प्रजातियों की खोज, कृषि क्षेत्र में उद्यमिता विकास का लाभ निश्चित रूप से यहां के कृषक भाई-बहनों और स्व सहायता समूहों को मिलेगा। इस सम्मेलन से छत्तीसगढ़ के किसान भाईयों-बहनों, उद्यमियों और वैज्ञानिकों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इस मड़ई के सफल आयोजन के लिए उन्होंने इसमें शामिल राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, महिला स्वसहायता समूहों, किसानों और उद्यमियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में कृषि के विकास में हमारे छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कृषि क्षेत्र सर्वाधिक रोजगार उत्पन्न करता है। ऐसे में इसका विकास अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह कार्निवाल किसानों को निश्चित रूप से लाभन्वित करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों का मेहनत, कृषि संसाधन और अनुसंधान क्षेत्र में प्रगति, इन तीनों का समन्वित प्रयास ही कृषि क्षेत्र के विकास को निर्धारित करता है।
इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आई.जी.के.वी एवं छत्तीसगढ़ बायोटेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी द्वारा नवीन स्टार्टअप एवं नवाचारी विचार हेतु तीन प्रतिभागियों को नगद राशि एवं प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत एवं सम्मानित किया ।
इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय,रायपुर के कुलपति श्री गिरिश चंदेल ने विश्वविद्यालय के गतिविधियों एवं उपलब्धियों से राज्यपाल को अवगत कराया। साथ ही कृषि विभाग के सचिव श्री कमलप्रीत सिंह, एन.ए.बी.एल के सी.ई. ओ डॉ. एम. वेंकटेश्वरन एवं केन्या से आई कृषि वैज्ञानिक डॉ. रूथ मूसीला ने भी सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान फिलीपींस के डॉ. हंस भारद्वाज भी उपस्थित थे।
राज्यपाल सुश्री उइके से मालदीव में भारत के उच्चायुक्त श्री मनु महावर ने की भेंट
रायपुर, 18 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज राजभवन में मालदीव में भारत के उच्चायुक्त श्री मनु महावर ने सौजन्य भेंट की। उच्चायुक्त श्री महावर ने राज्यपाल को बताया कि आगामी एम्बेसडर कॉन्फ्रेंस के उद्देश्य से उन्होंने प्रदेश के कांकेर तथा कोण्डागांव जिले का भ्रमण किया। श्री महावर ने कहा कि उच्चायुक्तों को एक भारतीय राज्य का चयन करने के विकल्प पर उन्होंने छत्तीसगढ़ को चुना। साथ ही प्रदेश के जिलों का भ्रमण कर वहां की क्षमता तथा क्षेत्र की विशिष्टता की जानकारी एकत्रित की।
राज्यपाल सुश्री उइके ने श्री महावर को बताया कि उन्होंने स्वयं बस्तर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों का भ्रमण किया है और यहां की संभावनाओं पर लगातार अपनी बात रखी है। प्रदेश के उत्तरी तथा दक्षिणी भागों में परंपरागत रूप से ऐसे खाद्य सामग्रियों का उत्पादन वर्षों से होता रहा है, जिसका वर्तमान समय में प्रचलन बढ़ा है और उसकी बाजार में काफी मांग है। उन्होंने कोदो, कुटकी, रागी जैसे खाद्य सामग्री का उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देने की बात कही। उच्चायुक्त श्री महावर ने बताया कि जिला भ्रमण के दौरान उन्होंने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के बारे में भी जानकारी प्राप्त की और कोंडागांव के शिल्प ग्राम का भी अवलोकन किया। इसी प्रकार श्री महावर ने मालदीव में पर्यटन के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय कार्यों के बारे में बताया और देश व प्रदेश में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मालदीव के प्रयासों का अध्ययन करने की बात कही। साथ ही उन्होंने प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं पर भी अपने विचार साझा किये। इस अवसर पर राज्यपाल ने श्री महावर को शाल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
आदिवासी लोककला महोत्सव में शामिल हुईं राज्यपाल
रायपुर 17 अक्टूबर 2022/राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज बिलासपुर जिले के कोटा में छत्तीसगढ़ सर्वआदिवासी समाज द्वारा आयोजित आदिवासी लोक कला महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री उइके ने कहा कि आदिवासी समुदाय ने प्रकृति के साथ रहते हुए आदिकाल से लगातार अपने परिवेश की देखभाल कर उसके संरक्षण और संवर्धन का काम किया है। आदिवासी समाज के धर्मगुरूओं द्वारा विश्व की रक्षा के लिए पर्यावरण के संतुलन के सिद्धांतों को भी जीवन में अपनाने का संदेश दिया गया है। हमारे आदिवासी समाज द्वारा गुरूओं के इन संदेशों का प्रचार आधुनिक समाज को नयी दिशा दे सकता है। अपने अधिकारों के प्रति सजग रहकर और समाज एकजुट रहकर ही तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकता है। समाज के लोग सजग रहकर ही शासन, प्रशासन तक अपनी बात प्रभावी तरीके से पहुंचा सकते है और शासकीय योजनाओं का लाभ भी उठा सकते हैं। आज की जनजातीय युवा पीढ़ी को भी समुदाय के पारंपरिक ज्ञान एवं रीति-रिवाजों को हस्तांतरित किया जाना चाहिए।
मुख्य अतिथि की आसंदी से राज्यपाल सुश्री उइके ने आगे कहा कि इस बदलते परिवेश में आदिवासी समुदाय अपनी पुरातन परंपरा को खोते जा रहा है। अपनी समृद्ध संस्कृति से दूर होता जा रहा है। इस तरह के कार्यक्रम, समुदाय के लोगों को अपनी संस्कृति से परिचित कराने के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस मौके पर आदिवासी समाज के माटीपुत्र क्रांतिवीर शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुण्डाधुर, बिरसा मुंडा और रानी दुर्गावती जैसे महान् विभूतियों को भी सादर नमन करते हुए कहा कि उनके त्याग और बलिदान के कारण यह समुदाय अपने अस्तित्व को बचाने और उसे उन्नत करने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि मैं क्षेत्रवासियों की खुशहाली के लिए अरपा नदी से प्रार्थना करती हूं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश के संविधान में जनजातीय समाजों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किये गये है। इन प्रावधानों के द्वारा आदिवासियों को किसी भी प्रकार के शोषण और अत्याचार से सुरक्षा प्रदान किये गये है।
कार्यक्रम को बिलासपुर लोकसभा सांसद श्री अरूण साव और लोरमी विधायक श्री धर्मजीत सिंह ने संबोधित किया। इस दौरान आदिवासी समाज के प्रतिनिधि, समाज प्रमुख सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज और ग्रामीण जन मौजूद थे।
राज्यपाल सुश्री उइके ने ब्रह्मकुमारी के सेव वाटर मिशन का किया शुभारंभ, जल संरक्षण के पहल की सराहना की
राज्यपाल से स्ट्रेंथलिफ्टिंग खिलाड़ी रोहन शाह ने की मुलाकात, उत्साहवर्धन कर दी बधाई
रायपुर// 17 अक्टूबर 2022 // राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज बिलासपुर प्रवास के दौरान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय की बहनों ने भेंट की। इस दौरान राज्यपाल सुश्री उइके ने ब्रम्हाकुमारी सेव वाटर मिशन का शुभारंभ किया और जल संरक्षण के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। ब्रह्माकुमारी की बहनों ने राज्यपाल सुश्री को जल संरक्षण के उद्देश्य से एक अलार्म मशीन भी भेंट की। अलार्म मशीन के माध्यम से आवासीय-गैर आवासीय भवनों की टंकियों में पानी भरने के दौरान ओवरफ्लो के कारण होने वाली पानी की बर्बादी को रोकना है।
ब्रह्मकुमारी की बहनों ने राज्यपाल को बताया कि ओवरफ्लो के कारण बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी होती है।राज्यपाल ने लोगों से जल का संरक्षण करने और इस मुहिम में सहयोग देने का आग्रह किया।
राज्यपाल से स्ट्रेंथलिफ्टिंग खिलाड़ी रोहन शाह ने की मुलाकात, उत्साहवर्धन कर दी बधाई
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज बिलासपुर में स्ट्रेंथ लिफ्टिंग खिलाड़ी श्री रोहन शाह ने मुलाकात की। राज्यपाल को रोहन ने बताया कि किर्गिस्तान में उन्होंने नाइंथ वर्ल्ड स्ट्रेंथ लिफ़्टिंग एंड पेस चैंपियनशिप में 105 वेट कैटेगरी स्ट्रेंथ लिफ्टिंग में कुल 407.5 किलोग्राम का भार उठाकर कांस्य पदक एवं ईक्लाइन बेंच प्रेस में कुल 175 किलोग्राम का भार उठाकर कांस्य पदक प्राप्त किया। राज्यपाल ने पदक जीतकर देश व प्रदेश का सम्मान बढ़ाने के लिए रोहन का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने आगामी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतने के लिए रोशन को शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके बिलासपुर जिला अधिवक्ता संघ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुई
गरीब लोगों तक न्याय सुलभ तरीके से पहुंचे ,यह सुनिश्चित करने की जरूरत
राज्यपाल की मौजूदगी में नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने ली शपथ
रायपुर 16 अक्टूबर 2022/राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज यहां जिला न्यायालय परिसर में आयोजित जिला अधिवक्ता संघ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुईं। संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने संघ के नियमों एवं संविधान के अनुरूप अधिवक्ताओं के हित में काम करने की शपथ ली। समारोह की अध्यक्षता उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायमूर्ति एवं जिले के पोर्टफोलियो जज श्री पी.सैम कोशी ने की। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में सांसद श्री अरूण साव, विधायक श्री धरमलाल कौशिक, बिलासपुर महापौर श्री रामशरण यादव, महाधिवक्ता श्री सतीश चंद्र वर्मा, बार काउंसिल ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र दुबे, जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अशोक कुमार साहू उपस्थित थे।
राज्यपाल सुश्री उइके ने मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने सम्बोधन में नव निर्वाचित जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री चन्द्रशेखर बाजपेयी सहित सभी नये पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि लोगों को न्याय दिलाने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे कानून की गहरी जानकारी एवं तर्कपूर्ण दलील के जरिए लोगों को न्याय दिलाते है। लेकिन बदली हुई परिस्थिति में वकीलों की सुरक्षा भी काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है। इसके लिए एडव्होकेट प्रोटेक्शन कानून लागू किय किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कानून की पेचीदगियों को आम आदमी समझ नहीं पाते हैं। इसलिए स्थानीय भाषाओं में भी जजों के फैसले सुनाये जाने चाहिए। इसके लिए प्रयास किये जाने पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग सीधे-सादे हैं। काफी संख्या में लोग निम्न आय समूह में आते हैं। उनके पास कोर्ट में अपना केस लड़ने की आर्थिक हैसियत नहीं होती है। विधिक सहायता प्राधिकरणों के जरिए उन्हें कानून की जानकारी देकर उनके केस की पैरवी भी सरकार की ओर से किये जाने की व्यवस्था का गंभीरता के साथ पालन किया जाना चाहिए।
सुश्री उइके ने कहा कि पटनायक आयोग ने छोटे-मोटे अपराधों में संलिप्त आदिवासियों की रिहाई की सिफारिश की है। न्यायालय ऐसे मामलों की प्राथमिकता के साथ समीक्षा कर उनकी रिहाई सुनिश्चित करे। बड़ी संख्या में ऐसे लोग जमानत नहीं मिलने के कारण बरसों से जेल की सजा काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की एक बड़ी आबादी आदिवासी समुदाय की है। उन क्षेत्रों में लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक हित संरक्षण के लिए पेसा कानून लागू किया गया है। कानून की भावना के अनुरूप इसका क्रियान्वयन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़ी आशा एवं विश्वास के साथ पीड़ित व्यक्ति न्याय पाने के लिए वकील के पास जाता है। वकीलों को वह उन्हें अपना संरक्षक मानता है। उनके विश्वास का आदर करते हुए काम करना चाहिए। न्याय पाना आज काफी महंगा हो गया है। गरीब लोगों तक इसे कैसे सस्ता एवं सुलभ तरीके से पहुंचाया जाये, इस पर विचार करने की जरूरत है।
स्वागत भाषण नव नियुक्त अध्यक्ष श्री चन्द्र शेखर वाजपेयी ने दिया। अधिवक्ताओं की समस्याओं एवं मांगों के संबंध में एक ज्ञापन भी राज्यपाल महोदया को सौंपा गया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज सिंह मंडावी जी के आकस्मिक निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। श्री मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता भी थे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
राज्यपाल सुश्री उइके से नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने की भेंट
रायपुर, 15 अक्टूबर 2022/ राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज राजभवन में नेता प्रतिपक्ष श्री नारायण चंदेल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल को अनुसूचित जनजाति आरक्षण में कटौती के संबंध में ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर सांसद श्री अरूण साव, श्रीमती गोमती साय, श्री सुनील सोनी, श्री मोहन मंडावी, विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल, श्री अजय चंद्राकर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
अपनी क्षमता का विकास कर, रोजगार लेने वाले से इतर रोजगार देने वाले बनें: राज्यपाल सुश्री उइके
विद्यार्थियों को अनुसंधान से जोड़ने, राज्य सरकार और विश्वविद्यालयों को करना होगा समन्वित प्रयास
राज्यपाल सुश्री उइके आई.सी.एफ.ए.आई. विश्वविद्यालय, रायपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह में हुईं शामिल
उपाधि धारण करना पर्याप्त नहीं, हमें निरंतर सीखने की है जरूरतः पूर्व इसरो चेयरमेन श्री ए.एस. किरण कुमार
रायपुर, 14 अक्टूबर। आज राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके नवा रायपुर स्थित निजी संस्थान में आयोजित आई.सी.एफ.ए.आई. विश्वविद्यालय, रायपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। इस अवसर राज्यपाल सुश्री उइके ने विश्वविद्यालय के 23 स्वर्ण एवं 19 रजत पदक सहित 105 विद्यार्थियों को उपाधि वितरण की एवं उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। साथ ही उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी अभिभावकों तथा संस्थान के शिक्षकों को भी बधाई दीं। इस अवसर पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों से सिर्फ रोजगार की चाह न रखकर ,रोजगार दाता बनकर देश के मैन्यफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से अनुसंधान से जुड़कर देश के विकास की संभावनाओं को तलाशने को भी कहा। इसके अलावा राज्यपाल ने सभा को संबोधित करते हुए सभी शिक्षा संस्थानों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुुरूप बेहतर शिक्षा की व्यवस्था करने को भी कहा।
राज्यपाल ने समारोह में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह दीक्षांत विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। शिक्षा ग्रहण करने की यात्रा हमारे अस्थायी कदमों के साथ आरंभ होकर हमें जीवन की ऊंचाईयों तक ले जाती है। उन्हांेेने कहा कि दीक्षांत आपकी दीक्षा का अंत नहीं है। बल्कि यह आपके जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अच्छे इंसान बनें। अच्छा इंसान ही अच्छे समाज का निर्माता होता है।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि काम के प्रति आपकी ईमानदारी ही आपके भविष्य का निर्माण करेगी। आज देश के विद्यार्थियों को अपनी सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। शिक्षा के द्वारा अपने ज्ञान को बढ़ाएं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न केवल हमारी क्षमता का निर्माण करती हैं बल्कि उसका निरंतर विकास भी करती है। पढ़ाई के बाद रोजगार के पीछे न भागंे बल्कि अपनी क्षमता का विकास कर लोगों को रोजगार दें। सफल उद्यमी बनकर, रोजगार देने वाले बनें । अपने साथ-साथ कम कुशल और अन्य युवाओं को भी रोजगार देने वाला बनने का प्रयास करना चाहिए । इसके लिए भारत सरकार की मेक इन इण्डिया, स्टार्टअप योजना एवं मुद्रा योजना जैसी अन्य योजनाओं का लाभ उठाकर भारतीय मैन्यूफैक्चिरिंग क्षेत्र को मजबूत करने संबंधित कार्यक्रमों को गति प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन किया गया है। यह शिक्षा नीति से भारत में अदभुत प्रगति होगी, जिससे हमारे छात्र कुशल एवं आदर्श नागरिक बनकर विश्वविद्यालयों से निकलेगें। उन्होंने कहा कि हमारे देश में भिन्न-भिन्न भौगोलिक क्षेत्र में भाषाई भिन्नता पाई जाती है। नई शिक्षा नीति में प्रारंभिक शिक्षा मातृ भाषा में देने का प्रावधान है। साथ ही अब मेडिकल एवं तकनीकी शिक्षा भी राजभाषा हिंदी में हो सकेगी।
राज्यपाल सुश्री उइके ने देश में अनुसंधान के अहमियत को देखते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के बाद अनुसंधान क्षेत्र से जुड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम है। देश के विकास के लिए विद्यार्थियों को अनुसंधान क्षेत्र से जुड़ना बेहद आवश्यक है। विद्यार्थियों को योग्य शिक्षक के मार्गदर्शन और बेहतर सुविधाओं के साथ, अनुसंधान से जोड़ने के लिए राज्य सरकार और विश्वविद्यालयों को भी समन्वित प्रयास करना होगा। ताकि किसी भी प्रकार से अनुसंधान से जुड़े विद्यार्थियों को असुविधा का सामना न करना पड़े और विद्यार्थी अनुसंधानों से जुड़कर देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।
राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि उपाधि प्राप्त करने के बाद उपरांत आपकी अपने परिवार, समाज, राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी बढ़ जाती है। अभी तक सभी ने आपको कुछ न कुछ दिया है। अब आपकी अपनों एवं अपने राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्यों के निर्वहन का अवसर है। इसलिये आप राष्ट्र के प्रति ईमानदार रहते हुए भारत को विश्वगुरू के स्थान पर स्थापित करने के हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कल्पना को साकार करने में सहभागी बनें।
इस अवसर पर समारोह के विशेष प्रवक्ता इसरो के पूर्व अध्यक्ष एवं पद्मश्री श्री ए.एस. किरण कुमार ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि देश को आर्थिक सुपरपावर बनाने के लिए अपने तकनीकी ज्ञान और कौशल को बढ़ाना होगा। इसी के द्वारा हम अपनी समस्याओं का समाधान कर पायेंगे। इसके लिए उन्होंने जीवन में निरंतर सीखते रहने की आवश्यकता बतलाई।
इस अवसर पर आई.सी.एफ.ए.आई. विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलाधिपति श्री आर.पी. कौशिक, कुलपति श्री एस.के. दुबे, निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्री उमेश मिश्रा, कुलसचिव श्री रवि किरण पटनायक एवं श्री के.किशोर कुमार उपस्थित थे।
राज्यपाल उइके श्री महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुई
प्रवास के दूसरे दिन भगवान महाकाल के किए दर्शन, देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की
रायपुर, 12 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके गत दिवस उज्जैन में श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुई। गत दिवस प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शिवार्पण कार्यक्रम में श्री महाकाल लोक को विश्व को समर्पित किया। राज्यपाल सुश्री उइके इस भव्य कार्यक्रम की साक्षी बनी।
राज्यपाल सुश्री उइके ने तत्पश्चात श्री महाकाल लोक के सम्पूर्ण प्रांगण का अवलोकन किया और इसकी भव्यता देखकर अभिभूत हुईं। उन्होंने शिव पुराण पर आधारित भित्ति चित्रों सहित परिसर के अन्य नवनिर्मित स्थानों के भ्रमण उपरांत रूद्र सरोवर के तट पर कुछ समय व्यतीत किया। राज्यपाल ने कहा कि अब श्रद्धालु श्री महाकाल लोक के भ्रमण मात्र से भगवान शिव की महिमा और वैभव से अवगत होंगे। यह शिवमय परिसर भगवान महाकाल को समर्पित है और उन्होंने विश्वास जताया कि श्रद्धालु अब और व्यवस्थित व सहज तरीके से भगवान महाकाल के मंदिर तथा महाकाल लोक का दर्शन ले पाएंगे। भ्रमण के दौरान मध्यप्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर भी उपस्थित रहीं और उन्होंने राज्यपाल को ‘श्री महाकाल लोक’ से जुड़ी विभिन्न जानकारियां दी।
राज्यपाल सुश्री उइके ने महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की
उज्जैन प्रवास के दूसरे दिन राज्यपाल सुश्री उइके ने आज महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने भगवान महाकाल से देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुई राज्यपाल
लक्ष्य प्राप्ति के लिए दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच जरुरी: राज्यपाल सुश्री उइके
रायपुर, 10 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अपने एक दिवसीय रायगढ़ प्रवास के दौरान आज ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। यहां उन्होंने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह आपके जीवन के एक महत्वपूर्ण चरण के पूरा होने का प्रतीक है। आप सभी ने अपने मूल विषय में ज्ञान और अंर्तदृष्टि प्राप्त करने तथा मूल्यों को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत की है। इसी प्रकार जीवन में लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच के फलस्वरूप ही आप सफलता के सोपान तय करेंगे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल सुश्री उइके ने 31 स्वर्ण, 28 रजत और 27 कांस्य पदक सहित कुल 738 विद्यार्थियों को स्नातक की उपाधि प्रदान की और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं की।
उन्होंने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज युवाओं को प्रशिक्षित तथा प्रेरित करने के साथ-साथ उनमें उद्यमशीलता की भावना जगाने की जरूरत है। उन्हें अपना रास्ता तय करने के लिए मार्गदर्शित करने की आवश्यकता है। प्रत्येक विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह संकल्पना करें और राष्ट्र के विकास के लिए नई और उपयुक्त तकनीकों का निर्माण करें। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि अनुसंधान के लिए, समस्या समाधान के लिए, विकास के लिए अपने विद्यार्थियों के बीच नए विचारों, नवाचारों और उद्यमिता की सोच को पल्लवित और पोषित करे। नए विचारों और प्रौद्योगिकियों को कार्यशालाओं और उत्पादन तक लाकर दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आप संकल्प लेंगे कि पूरा राष्ट्र आपका परिवार है तो पूरे देश को शक्ति मिलेगी और वास्तव में आपकी उपलब्धियों और क्षमता का राष्ट्र निर्माण में सदुपयोग हो पाएगा। मेरा आग्रह है कि आप जो भी कार्य करें, उसमें राष्ट्रहित सर्वोपरि हो।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की पहल से देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है जो समानता, गुणवत्ता और जवाबदेही के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है। निश्चित ही 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुकूल शिक्षा नीति अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाएगा। उन्होंने युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने की विद्यार्थियों को सीख भी दी। साथ ही राष्ट्र के विकास में बाधा डालने वाले बुराईयों को दूर करने में अपनी भूमिका निभाने को कहा।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आप अपने आपको इतना योग्य बनायें कि आजीविका आपकी खोज करें न की आप आजीविका की। विश्वविद्यालय के परिसर से दीक्षित होकर निकलना, आपको समाज की उच्च अपेक्षाओं पर खरा उतरने की जिम्मेदारी भी देता है। उन्होंने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस विश्वविद्यालय में देश के 18 से अधिक राज्यों के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यह परिसर विद्यार्थियों को एक बहुसांस्कृतिक और बहुजातीय वातावरण उपलब्ध करा रहा है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों का आपसी संवाद उन्हें एक व्यापक दृष्टि देता है और सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाता है।
इस मौके पर यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती शालू जिंदल ने सभी पास आउट विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीे।
समारोह में स्वागत उद्बोधन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ आर डी पाटीदार ने दिया। उन्होंने यूनिवर्सिटी के एकेडमिक एक्टिविटी के साथ उपलब्धियों का ब्योरा साझा किया। इस अवसर पर डॉ उमेश मिश्रा, चेयरमैन, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, शहीद नंद कुमार पटेल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ ललित प्रकाश पटेरिया, एडीएम सुश्री संतन देवी जांगड़े सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, उनके परिजन व यूनिवर्सिटी के स्टाफ उपस्थित थे।