बिहार की जनता को झटका देने की तैयारी में बिजली कंपनियां, बिजली की दरों में लगभग 40 फीसदी की बढ़ोतरी की संभावना
समग्र समाचार सेवा
पटना, 15नवंबर।आनेवाले साल में बिहार की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को बड़ा झटका देने की तैयारी में है। आगामी वित्तिय वर्ष से बिहार मे बिजली की दरों में लगभग 40 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। बिजली कंपनियों की ओर से मंगलवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष इससे संबंधित प्रस्ताव को लेकर याचिका सौंपी जाएगी। कंपनी ने इसकी तैयारी कर ली है। बीते वर्षों की तर्ज पर इस बार भी कंपनी ने अनुदानरहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। हालांकि आयोग कंपनी की याचिका पर जनसुनवाई के बाद ही नई दर तय करेगा।
कंपनियों की तरफ से विद्युत विनियामक आयोग को जो प्रस्ताव दिया गया है, उसमें न सिर्फ बिजली की दरों को बढ़ाने का बात कही गई है। बल्कि प्रस्ताव में घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए बने स्लैब की संख्या तीन से घटाकर दो करने की बात कही गई है। जिसका सीधा प्रभाव बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। अभी जो तीन स्लैब हैं, उसमें शहरी क्षेत्र के 100-200 यूनिट और ग्राणी क्षेत्र के 51-100 यूनिट वाले स्लैब को खत्म कर दिया जाएगा। अभी इस स्लैब में क्रमशः 6.95 रुपए और 6.40 रुपए प्रति यूनिट की दर से चार्ज किए जाते हैं। इस स्लैब के खत्म होने के बाद 100 यूनिट से ज्याद खपत करनेवाले उपभोक्ताओं को तीसरे स्लैब की बिजली दरों के आधार पर भुगतान करना होगा। तीसरे स्लैब में शहरी क्षेत्र में 8.05 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में 6.70 पैसे प्रति यूनिट चार्ज किया जाता है।
बिहार की बिजली कंपनियों ने रेट में बदलाव को लेकर जो तर्क दिया है, उसमें विदेशी कोयले की बढ़ती कीमत को बड़ा कारण बताया गया है। जिससे उत्पादन लागत बढ़ी है। वहीं इसके साथ पीक आवर के दौरान जो बिजली खरीदी जा रही है, वह महंगी हो गई है। वहीं वित्तिी वर्ष 2022-23 में कंपनियों को 11 फीसदी का लॉस हुआ है। जिसकी भरपाई करने की भी मांग शामिल है। नगर विकास विभाग के 2.5 फीसदी शेष वसूलने का भी प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि वैसे उपभोक्ता जो हाई वोल्टेज जैसे 132केवी, 33 केवी, 11केवी का कनेक्शन लेते हैं उन्हें राहत दिया गया है।