पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारें ग्रीन हाइड्रोजन से चलें हम इस दिशा में काम कर रहे हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
समग्र समाचार सेवा
गांधीनगर , 24नवंबर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात में आने वाले दिनों तक ग्रीन हाइड्रोजन हब बनने जा रहा है। पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारें ग्रीन हाइड्रोजन से चलें हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।
मोदी ने गुजराती में कहा कि मैं आज पालनपुर आया हूं तो मेरा ध्यान पांच पर जाता है। इसलिए मैं पांच मुद्दों पर बात करना चाहता हूं। प से पालनपुर है तो प से “पर्यटन, पर्यावरण, पानी, पशुधन और पोषण” के बारे में बताना चाहता हूं। यह पांच मुद्दे ऐसे हैं जो शायद चुनाव की चर्चा में नहीं आए होंगे।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया में पर्यटन उद्योग सबसे तेजी से बढ़ने वाला उद्योग है। बनासकांठा, पाटन और कच्छ जिलों में पर्यटन का विकास किया गया है। पर्यावरण के मामले में भारत विश्व में आगे बढ़ रहा है। कहा जाता था कि भारत पर्यावरण खराब करेगा। उस छवि को बदलने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में गुजरात ग्रीन हाइड्रोजन हब बनने जा रहा है। पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारें ग्रीन हाइड्रोजन से चलने लगें हम उस दिशा में काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा पहले उत्तर गुजरात पानी के लिए परेशान रहता था। भाजपा सरकार में सुजलाम सुफलाम के माध्यम से नर्मदा माता का जल घर-घर पहुंचा है। हम पशुपालन में बहुत काम कर रहे हैं जिसमें पहले दूध का पैसा मिलता था। अब बायोगैस पर काम किया जा रहा है जिससे पशुओं के गोबर और मूत्र से आमदनी हो सके। पांचवां मुद्दा पोषण के लिए, हमारी संतान खास कर हमारी बेटियों का शरीर स्वस्थ बने उसके लिए काम शुरू किया। हमने चिरंजीवी योजना चलाई। पोषण की चिंता हम करते हैं। पोषण के लिए जिन भी क्षेत्रों में काम कर सकते हैं उन सभी क्षेत्रों में हमने काम किया है।
उन्होंने कहा हमें गुजरात और देश के विकास को मजबूत करना है। इसके लिए हमें आपके सहयोग की जरूरत है। बनासकांठा, पाटन, कच्छ पूरे क्षेत्र की समस्याओं को मैं जानता हूं और उनकी हर समस्या को हल करने का हम प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि आपका बेटा दिल्ली में आपके काम के लिए बैठा है लेकिन आप काम नहीं लेते हैं तो मैं क्या करूं। काम करवाने के लिए कमल खिलाना पड़ता है। इस बार जिले के हर प्रत्याशी को बड़ी संख्या में मतदान करके कमल को खिलाना है।