भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के प्रभावकारी कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों द्वारा समन्वित रूप से ठोस कदम उठाने का आह्वान किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,16 मार्च। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत राष्ट्रीय शीर्ष समिति की बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में एनसीएपी के कार्यान्वयन के महत्व पर प्रकाश डाला और वायु की गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय करने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन, शहरी स्थानीय निकायों और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से आपस में समन्वय करके ठोस कदम उठाने पर विशेष जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने इस कार्यक्रम के तहत वित्त वर्ष 2021-22 में वायु गुणवत्ता बेहतर करने वाले 95 शहरों और राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक को पूरा करने वाले 20 शहरों के शानदार प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने सिंधु-गंगा के मैदान में अपनाए गए एयरशेड दृष्टिकोण के महत्व की चर्चा की और वायु प्रदूषण के मुद्दे को हल करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, अमरावती, देवास, सुंदर नगर और नालागढ़ जैसे नौ शहरों को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आयोजित स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के तहत नकद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए बधाई दी। उन्होंने सभी शहरों से वायु गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय करने और रैंकिंग फ्रेमवर्क में भाग लेने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से एनसीएपी शहरों में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए ‘नगर वन योजना’ और ‘अमृत’ के तहत अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अनुरोध किया।
इस बैठक के दौरान पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण हेतु नागरिक केंद्रित कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘मिशन लाइफ’ के महत्व पर विशेष जोर दिया गया। यह बताया गया कि 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी लोगों को स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन देते हुए समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से 100 से भी अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य और योजना की घोषणा की थी।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बताया कि वायु प्रदूषण में निर्धारित वार्षिक कमी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 131 शहरों में वायु गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय करने के लिए वर्ष 2019-20 से लेकर वर्ष 2022-23 तक 8915 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। एनसीएपी के तहत 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और 131 शहरों/शहरी स्थानीय निकायों से वायु गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्यों और शहरों की कार्य योजनाओं में ‘मिशन लाइफ’ के संबंधित कदमों या उपायों को शामिल करने का अनुरोध किया गया है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफएंडसीसी) ने 10 जनवरी, 2019 को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) को राष्ट्रीय स्तर की एक रणनीति के रूप में लॉन्च किया था जिसमें देश में शहर और क्षेत्रीय स्तर पर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक कदमों को रेखांकित किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी हितधारकों को शामिल करके और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करके वायु प्रदूषण को व्यवस्थित रूप से कम करना है। इस कार्यक्रम के तहत शहर विशिष्ट कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 131 गैर-प्राप्ति वाले और एक मिलियन से अधिक की आबादी वाले शहरों की पहचान की गई है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर की कार्य योजना, राज्य स्तरीय कार्य योजनाओं और लक्षित 131 शहरों की शहर स्तरीय कार्य योजनाओं को तैयार करने और कार्यान्वयन पर केंद्रित है।
एनसीएपी के तहत 24 राज्यों के लक्षित 131 शहरों में 2025-26 तक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम10) के स्तर में 40% तक की कमी या राष्ट्रीय मानकों (60 माइक्रोग्राम / क्यूबिक मीटर) को हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से संसाधन जुटाने का अनुरोध किया गया है।
निम्नलिखित केंद्रीय मंत्रालयों ने वायु गुणवत्ता में सुधार के उपाय करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को प्रस्तुत किया है।
1. 131 लक्षित शहरों में योजनाओं (एसबीएम 2.0, स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत) के अभिसरण पर आवास और शहरी कार्य मंत्रालय।
2. 131 लक्षित शहरों में फेम-II/ईवी की गतिशीलता के कार्यान्वयन पर भारी उद्योग मंत्रालय।
3. 131 लक्षित शहरों में सतत और शहरी गैस वितरण नेटवर्क के कार्यान्वयन की स्थिति पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय।
4. इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल)।
5. 131 लक्षित शहरों में नगर वन योजना पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राष्ट्रीय वनीकरण और पारिस्थितिकी-विकास बोर्ड (एनएईबी)।
6. 131 लक्षित शहरों के निकट नए उत्सर्जन मानदंडों और टीपीपी में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन के लिए फ्लू-गैस डीसल्फराइजेशन और प्रदूषण नियंत्रण उपाय करने की स्थिति पर विद्युत मंत्रालय।
7. 131 लक्षित शहरों में पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और वाहन स्क्रैपिंग नीति को लागू करने पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय।
8. एनसीएपी के कार्यान्वयन पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय।
उत्तर प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों ने भी एनसीएपी के तहत स्वच्छ वायु कार्य योजनाओं और विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन की प्रगति प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के प्रभावकारी कार्यान्वयन के लिए राज्यों से संचालन समितियों, राज्य स्तरीय निगरानी और कार्यान्वयन समिति और शहर कार्यान्वयन समिति की नियमित बैठकें आयोजित करने का अनुरोध किया गया। सभी शहरों से कार्य योजनाओं और प्रगति रिपोर्ट को ‘प्राण’ पोर्टल पर अपलोड करने का अनुरोध किया गया है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की सह-अध्यक्षता में एनसीएपी के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत राष्ट्रीय शीर्ष समिति का गठन किया गया था।
आठ केंद्रीय मंत्रालयों अर्थात सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रतिनिधि और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के प्रतिनिधि, 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव, पर्यावरण विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/प्रदूषण नियंत्रण समितियों के अध्यक्ष, एनसीएपी के तहत शामिल शहरों का प्रतिनिधित्व करने वाले 131 नगर आयुक्त बैठक के दौरान उपस्थित थे।