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अंशु सारडा’अन्वि’

राजनीति में महिलाओं की सहभागिता के लिए प्रोत्साहन की बूस्टर डोज आवश्यक

अपने पिछले सप्ताह के रविवारीय कॉलम में मैंने राजनीति में महिलाओं की न्यून सहभागिता पर अपने विचार रखे थे। उसी क्रम में आज हम और आगे बात करेंगे। महिलाएं केवल पत्नी, बेटी या मां के रूप…
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सोच का एक दूसरा रास्ता हमेशा होता है

 इस वर्ष हमारा देश अपना 73 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत आज यानी 23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से होने जा रही है। एक और बड़ा परिवर्तन…
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परिवर्तन को स्वीकार कर आगे बढ़े

बरेली से अपनी वापसी की यात्रा में रेल नीर की पानी की बोतल खाली होने पर उसे हमेशा के जैसे फेंकने के लिए क्रश करके एक तरफ रख दिया। अभी भी रेल यात्रा में ए.सी.  कोच में  बैडरोल नहीं दिए जा रहे…
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कि मन हमेशा नया बना रहे

  " नित नूतन, नित नवीन, नए कलेवर में हो मन,     संकल्पित, सुरक्षित और सहज रहे हमारा जीवन।" बरेली जाए और वहां की चाट ना खाएं तो बरेली प्रवास अधूरा माना जाता है। सड़क के दोनों तरफ के चाट के ठेले और उनसे उठती खुशबू  हमारी भूख…
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यादें बिकाऊ नहीं होती हैं

अल सुबह चारों ओर कोहरा पसरा हुआ है। ट्रेन अपनी पुरजोर तेज चलने की कोशिश में है। लखनऊ, आलमनगर, काकोरी, मलिहाबाद, ये सरसों के खेत, आम, पीपल, नीम, बरगद के पेड़ और  टेढ़ी-मेढ़ी पर सुंदर दिखती  पगडंडिया, खेत खलिहान और उनमें बने झोपड़े,…
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मैं हूं सशक्त सीता स्वयंपूर्णा

मेरी टेबल पर गरिमा श्रीवास्तव द्वारा लिखी किताब 'देह ही देश' रखी है, जो आज ही लाई गई है और सामने ही टी.वी. पर कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक के. आर. रमेश कुमार के 'रेप को इंजॉय करो' वाले विवादित बयान का…
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मुझे तो है बस फूल बन जाना

अंशु सारडा'अन्वि। आज फिर जब अपने बालकनी गार्डन को संभाल रही थी तो सर्दियों की रानी गुलदाउदी और सर्दियों का राजा गेंदा एक के पास रखे हुए एक साथ मुस्कुरा रहे थे। वे सुंदर तो लग ही रहे थे पर एक सीख भी दे रहे थे कि एक फूल कभी भी दूसरे फूल को…
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 देखिए उस तरफ उजाला है, जिस तरफ रोशनी नहीं जाती

  * अंशु सारडा'अन्वि'  चलते-चलते यह साल आ पहुंचा है अपने अंतिम पड़ाव पर। साल का आखिरी महीना दिसंबर शुरू हो चुका है, चारों तरफ फैले कोहरे और धुंध ने अपने क्षेत्र का विस्तार कर लिया है। गेंदा, डहलिया, सिनेरेरिया, कैलेंडुला,…
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नाम गुम जाएगा, हीरा ये न मिल पाएगा

अंशु सारडा'अन्वि।    इस सप्ताह राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशिष्ट समारोह में माननीय राष्ट्रपति महोदय ने 119 विशिष्ट व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। सन् 1954 से  प्रतिवर्ष दिए जाने वाले इन पुरस्कारों की घोषणा गणतंत्र दिवस…
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ठोकरें भी जरूरी होती है मंजिल को पाने के लिए

अंशु सारडा'अन्वि'।  महान रूसी साहित्यकार मैक्सिम गोर्की के नाम से कौन साहित्य प्रेमी अपरिचित होगा। अपने अनेक उपन्यासों और साहित्यिक रचनाओं में से वे अपने उपन्यास 'मां' और अपनी आत्मकथा 'मेरा बचपन', 'जीवन की राहों पर', 'मेरे…
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