Browsing Tag

क्षणिकाएं

कॉमन सेंस, सुधार क्षणिकाएं 6169:

माहौल है मौका है, सब बिगड़े सुधार लो फिर यादें रे जाएंगी,अब प्यार अपार लो रंजिशें कब काम की,बेकार का बोझ ये के खराशें रही होंगी,आज सब उतार दो साथ क्या जाना है, हिसाब सब पूरे करें कब किसकी ठमे,सास-ऋण नितार दो मान, पैसा न…
Read More...