पश्चिमी यूपी में क्यों फेल हो रही है भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग?
’कलम अगर खामोश हो तो, आतुर शब्दों की बेबसी समझिए
शब्द अब बिकते कहां हैं, खरीदे भी नहीं जाते;
यूं ही मुरझा जाते हैं, बंद मुख के अंदर’....
जातियों को साधने की बाजीगरी में भाजपा का कोई जवाब नहीं, अबतलक भगवा रणनीतिकार सोशल इंजीनियरिंग…
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