क्या भविष्य की सांस्कृतिक आहट है ‘बुलडोजर’ ?
अजय बोकिल
संवेदनशील कवि बसंत सकरगाए ने अपनी ताजा कविता में एक बुलडोजर-सा सवाल उठाया है-
अब, जबकि एक यंत्र
बाक़ायदा शामिल हो चुका है
तथाकथित धर्मयुद्ध के षड्यंत्र में
जैसे हमारा राष्ट्रीय पशु बाघ है
राष्ट्रीय पक्षी मोर
हॉकी राष्ट्रीय…
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