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मिर्च-मसाला

मिर्च-मसाला- संसद के विशेष सत्र का छुपा एजेंडा क्या है?

त्रिदीब रमण ’उतनी बारूद अपने अंदर बचा कर रखना जितनी रखती हैं माचिस की तिल्लियां अंधेरों को मालूम हो तेरे जलने का हुनर’ शह-मात की सियासी बिसात पर आप इसे केंद्र नीत भाजपा सरकार का एक बेहद सुविचारित दांव मान सकते हैं, अब यह महज़ इत्तफाक…
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मिर्च-मसाला- स्वच्छता आंदोलन के सबसे बड़े पुरोधा को गमगीन विदाई!

त्रिदीब रमण ’इतना मलाल तो सूरज को भी हो रहा है तेरे जाने से तू कब पीछे रहा है बुझे दिलों में चिराग जलाने से’ सुलभ स्वच्छता आंदोलन के पुरोधा पद्म भूषण डॉ. विन्देश्वर पाठक का यूं अचानक चले जाना, स्तब्ध कर देने वाला है। बिहार के एक छोटे…
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मिर्च-मसाला: न्यूज़ चैनलों के प्रति कांग्रेस का बदलता नज़रिया

त्रिदीब रमण  भभकती रोशनी, मेकअप रंगे चेहरे, चुप्पी साधे हुए कैमरे आइनाखाने ने भी जाने क्या यह कमाल का इनाम बख्शा है सबको दिखाते हैं आइने, कहां कभी उसमें अपना चेहरा देखा है’ अब गोदी न्यूज़ चैनलों को लेकर कांग्रेस ने अपने नज़रिए में एक…
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मिर्च-मसाला- जाति ही पूछो साधो की

त्रिदीब रमण ’जब इसां की अपनी पहचान पर वोट चस्पां हो जाता है उसकी सूरत मिट जाती है, वह एक गिनती रह जाता है’ एक पुरानी तुर्किश कहावत है-’जंगल कट रहे थे, फिर भी सारे पेड़ कुल्हाड़ी को ही वोट दे रहे थे, क्योंकि पेड़ सोच रहे थे कि कुल्हाड़ी…
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मिर्च-मसाला- बिहार में हवाई अड्डों की राजनीति

सियासत को तो यूं भी पंख फैला कर उड़ने की आदत होती है, ऐसे में जब बात हवाई अड्डों की हो तो सियासतदां भी आसमां से चुगली करने लग जाते हैं।
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मिर्च-मसाला: नाराज़ महारानी को भाजपा ने ऐसे मनाया 

त्रिदीब रमण  ’तेरा यूं रूठ जाना तेरी आदतों में शुमार है हम साये की तरह तेरी पलकों पर ठहरे रहे और तुम धूप की तरह मेरी जिंदगी में आते-जाते रहे’ क्या वसुंधरा राजे सिंधिया और भाजपा दिल्ली शीर्ष के दरम्यान उस शह-मात के खेल पर विराम लग गया…
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मिर्च-मसाला- रामपुर के आजम की निष्ठाएं किधर हैं?

त्रिदीब रमण  ’जब से पागल हवाओं ने हर छोटे-बड़े दीयों का काम तमाम किया है इस आदम के जंगल ने अपना कल इन जुगनुओं के नाम किया है’ सियासत की सीरत ही कुछ ऐसी है कि यहां असल वफादारी भी नैतिक दीवालियापन के अंतःपुर में बेशर्मी से पसरी…
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