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यादें बिकाऊ नहीं होती हैं

यादें बिकाऊ नहीं होती हैं

अल सुबह चारों ओर कोहरा पसरा हुआ है। ट्रेन अपनी पुरजोर तेज चलने की कोशिश में है। लखनऊ, आलमनगर, काकोरी, मलिहाबाद, ये सरसों के खेत, आम, पीपल, नीम, बरगद के पेड़ और  टेढ़ी-मेढ़ी पर सुंदर दिखती  पगडंडिया, खेत खलिहान और उनमें बने झोपड़े,…
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