जग का मुजरा- आधा हक़ीकत आधा फ़साना
पार्थसारथि थपलियाल
दुनिया एक रंगमंच है। इस रंगमंच में कब यवनिका पतन होता है पता ही नही चलता। इस रंग मंच में अदाकार आते हैं अपने अपने किरदार अदा कर चले जाते हैं। रंगमंच उठने के बाद पीछे जो छूट जाती हैं वे उस उजले नाटक की काली…
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