पोटली से स्वयं सेवा !
प्रस्तुति -:कुमार राकेश
भगवानजी ने जब इंसान की रचना की तो उसे दो पोटलियाँ दी।
निर्देशित किया कि एक पोटली को आगे की तरफ लटकाना और दूसरी को कंधे के पीछे पीठ पर। इंसान दोनों पोटलियां लेकर चल पड़ा।
हां!! भगवानजी ने उसे ये भी कहा था कि आगे…
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