सरकार और व्यवस्था अदालतें चलाएंगी तो न्याय कौन देगा: आलोक मेहता
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9अगस्त। इस समय एक नया सामाजिक, संवैधानिक संकट दिख रहा है। गंभीर संवैधानिक मुद्दों के बजाय राज्यों या केंद्र सरकार के निर्णयों, हिंसा, उपद्रव, पानी, प्रदूषण, चुनाव, पार्टियों के विवाद, संसद या विधान सभा के फैसले…
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