अनामी शरण बबल
जैसे जैसे प्रयाग कुंभ आगे बढ़ रहा है उसी तरह उसकी गरिमा और महानता परवान पर है। कुंभ के समापन में अभी 26 दिन शेष हैं। कुंभ इस बार ऐतिहासिक बनता जा रहा है। मौनी अमावस्या पर पांच करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। 24 जनवरी को कुंभ मेला क्षेत्र में तीन हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीय पहुंचे। कुंभ में 29 जनवरी को एक और इतिहास रचा गया। लखनऊ से बाहर कुंभनगरी में आयोजित की गई पहली बार प्रदेश सरकार कैबिनेट की पहली बैठक हुई। जिसमें दुनिया के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी गई। 31 जनवरी को कुंभ मेले में ही विहिप की धर्मसंसद हुई। जिसमें दो पास किए गए तो धर्मसंसद के आखिरी दिन एक फरवरी को राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा गया। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार को छह माह का समय या अल्टीमेटम दिया, कि मंदिर निर्माण आरंभ करे या फिर हमलोग मिलकर मंदिर बनाएंगे। मेले का आकर्षण लगातार बढता दिख रहा है।
गेरुआ का ग्लैमर
इसे गेरुआ कपड़ों का ग्लैमर कहें या मायामोह का त्याग। संसारी भोग विलास से वैराग्य? कुंभ में संन्यास ग्रहण करने में पुरुषों के मुकाबले अब महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। आज जुना अखाड़े में देश ही नहीं दुनिया के कई देशों की महिलाएं संन्यास की दीक्षा लेंगी। इसके लिए कल मंगलवार को जूना अखाड़े के माईबाड़ा में दिन भर तैयारियां चलीं। पर्चियां कटवाई जाती रहीं। पंच गुरुओं के नाम तय किए जाते रहे। महिलाओं को संन्यासिनी बनाने के पांच संस्कार पूरे किए गए। कुंभ में अब तक 150 विदेशी महिलाएं संन्यासिनी बन चुकी हैं।
जूना अखाड़े की अलग-अलग मढिय़ों से महिलाओं को संन्यासिनी बनाया जाएगा। इसके लिए दीक्षा संस्कार की रस्म आरम्भ हो गई है। दर्जनों युवतियों को मंगलवार को महंत मीरा पुरी ने संन्यास की दीक्षा दी गयी।। सुबह ही संस्कार कराया गया। वेद अध्ययन के लिए इटली से आई तारा भी संन्यासिनी बनेंगी। तारा के लिए नए गेरुआ व श्वेत वस्त्र शाम को ही मंगा लिए। इनके अलावा दो दर्जन से अधिक महिलाएं बुधवार को माया मोह से अलग होकर विधि विधान के साथ संन्यास लेंगी। इन संन्यासिनियों को पंच गुरुओं की ओर से दीक्षा दिलाई जाएगी। उद्धार और जन्म जन्म के मायाजाल से मुक्ति की चाहत के लिए ही सांसारिकता को त्यागने का यह पहल कर रहे हैं।
– संगम तट से आज प्रयाग की परिक्रमा,
स्वामी हरि गिरि बोले- तीर्थों का होगा कायाकल्प
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मंगलवार को प्रयागराज तीर्थ परिक्रमा आरंभ करने का संकल्प लिया। यह परिक्रमा बुधवार को संगम तट पर पावन त्रिवेणी की सविधि पूजा से आरंभ होगी। परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि तीर्थराज की परिक्रमा शुरू होने और तीर्थों, मंदिरों का कायाकल्प होने से प्रयागराज में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद प्रयागराज परिक्रमा की शुरुआत आज सुबह संगम तट पर पूजा-आरती के साथ करेगा। इससे सदियों पुरानी परंपरा के एक बार फिर जीवंत होने की उम्मीद जगी है। प्रयागराज की परिक्रमा यात्रा में अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों, साधु- संतों के मेला प्रशासन के अफसर भी शामिल होंगे। इस धार्मिक परिक्रमा परिपथ में द्वादश माधव के साथ ही भारद्वाज आश्रम समेत तमाम प्राचीन मंदिर शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि सीएम योगी और अखाड़ा परिषद की पहल पर इस परिक्रमा को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है।