समग्र समाचार सेवा
पटना,9 जनवरी।
बिहार की राजनीति में पहले से ही सब कुछ बहुत उथल-पुथल है। लेकिन अब बिहार की सियासत में एक ऐसे सख्श का नाम आ गया है जिसका बिहार से कोई लेना देना ही नहीं। जी हां अब बिहार की राजनीति में जिस सख्श का नाम आया है वो और कोई नहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप है।
बिहार की राजनीति में भी अब अमेरिका संसद के बाहर हुई घटना को जोड़कर उदाहरण दिया जा रहा है और ऐसा किया है भाजपा के नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने…..उन्होंनें इशारों ही इशारों में तेजस्वी यादव का नाम बिना लिए ही कहा कि राजद के राजकुमार का यदि वश चलता तो लाठी में तेल पिलाने वाले अपने समर्थकों को उकसा कर ट्रंप के समान विधानमंडल भवन पर उत्पात मचा सकते थे।
बता दें कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है और लिखा है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम को गलत ढंग से प्रभावित करने के लिए कांग्रेस, राजद ने मीडिया के एक वर्ग में एक्जिट पोल के नाम पर पहले महागठबंधन की जीत का ‘परसेप्शन’ बनवाया, लेकिन जब वास्तविक परिणाम उनके मनोनुकूल नहीं आये और स्पष्ट बहुमत के साथ राजग की सरकार लौटी, तब सत्ता के जरिये बेनामी सम्पत्तियां बनाने वालों के इरादों पर पानी फिर गया।
उन्होंने आगे लिखा है कि मुख्य विपक्षी दल ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार लोकतंत्र में अपनी अनास्था ही प्रकट की थी। यदि उनका वश चलता, तो ईवीएम से ‘लालू का जिन्न’ न निकलने पर वे लाठी में तेल पिलाने वाले अपने समर्थकों को उकसा कर ट्रम्प के समान विधानमंडल भवन पर उत्पात मचा सकते थे।
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि, “नया साल मनाकर बिहार लौटे राजद के ‘राजकुमार’ को न जनादेश पर विश्वास है, न चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर. वे विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं इसलिए बार-बार मध्यावधि चुनाव का हौव्वा खड़ा कर रहे हैं. वे अपने दुराग्रहपूर्ण अनुमान से ज्यादा सीट पाने वाले दल की उपलब्धि को ‘चुनाव आयोग की कृपा’ बता कर एक संवैधानिक संस्था की छवि बिगाड़ रहे हैं।