समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16मार्च।
दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या और 2008 बाटला हाउस मुठभेड़ से जुड़े अन्य मामलों के दोषी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस करार देते हुए दोषी आरिज को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने आरिज खान पर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही अदालत ने निर्देश दिए हैं कि 10 लाख रुपये तत्काल प्रभाव से मरहूम इंस्पेक्टर शर्मा के परिवार को दिए जाएं।
पुलिस ने आतंकवादी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ से कथित रूप से जुड़े खान को मौत की सजा दिए जाने का अनुरोध किया था और कहा था कि यह केवल हत्या का मामला नहीं है, बल्कि न्याय की रक्षा करने वाले कानून प्रवर्तन अधिकारी की हत्या का मामला है. जिसके बाद अदालत ने यह फैसला दिया है. पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक एटी अंसारी ने कहा कि इस मामले में ऐसी सजा दिए जाने की आवश्यकता है, जिससे अन्य लोगों को भी सीख मिले और यह सजा मृत्युदंड होनी चाहिए. खान के वकील ने मृत्युदंड का विरोध किया था.
दिल्ली की एक अदालत ने 2008 में बाटला हाउस मुठभेड़ के दौरान हुई शर्मा की हत्या और अन्य अपराधों के लिए आरिज खान को आठ मार्च को दोषी ठहराया था. अदालत ने कहा था कि यह साबित होता है कि आरिज खान और उसके साथियों ने पुलिस अधिकारी पर गोली चलाई और उनकी हत्या की।
कौन है आतंकी आरिज खान?
अगर इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान की बात करें, तो साल 2008 में दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में जो धमाके हुए थे, उनके मुख्य साजिशकर्ताओं में आरिज का नाम था. इन सभी धमाकों में कुल 165 लोगों की जान गई थी, जबकि 535 लोग घायल हुए थे। इस मामले के संबंध में जुलाई 2013 में एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस फैसले के विरुद्ध अहमद की अपील उच्च न्यायालय में लंबित है।