कोरोना संग्राम में अकारण आरोपों को लेकर विपक्षी दल के सभी मुख्यमंत्री गण, प्रधानमंत्री श्री मोदी जी से लिखित माफ़ी मांगे- प्रतिमा भौमिक,सचेतक-भाजपा संसदीय दल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

स्निग्धा श्रीवास्तव

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 26 अप्रैल। देश में कोरोना संकमण के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन,वैक्सीन और  कोरोना की दवाइयों की कमी कुछ राजनीतिक दलों के लिए केंद्र सरकार को घेरने का एक  बड़ा मुद्दा बना हुआ है।  विपक्षी दल और उनके मुख्यमंत्री गण मोदी सरकार के खिलाफ लगातार बेतुके टिप्पणीयां करने से नहीं चूक रहे हैं .इस मुद्दे को लेकर भाजपा में भी काफी बैचेनी है .विरोधी दलों के अमानवीय पहलुओं को लेकर नाराजगी देखी जा रही है.

विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए लोक सभा में भारतीय जनता पार्टी की सचेतक और त्रिपुरा से सांसद सुश्री प्रतिमा भौमिक कहती है विपक्षी दल के मुख्यमंत्री व नेता अमानवीय हो गए हैं.वे सिर्फ झूठ बोलकर व फेक न्यूज़ फैलाकर देश की जनता को भ्रमित करना चाहते हैं.आने वाले दिनों में देश उन सभी को कभी माफ़ नहीं करेगा .

उन्होंने भाजपा की मोदी सरकार के खिलाफ लगातार हो रहे षड्यंत्रों और आऱोपों का पुरजोर विरोध किया है। सुश्री भौमिक का कहना हैं कि विपक्षी दल और उनके  मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं,देश हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में एक नया इतिहास लिख रहा हैं .उन सभी को शर्म भी नहीं आती.इस आपदा काल में सभी राजनीति से ऊपर उठकर देश की सेवा करनी चाहिए.पर मुझे दुःख है वे सब  हमारे पीएम श्री मोदी जी के खिलाफ अनुचित बयानबाजी औऱ आरोपों लगा रहे हैं .उन सबको प्रधानमंत्री से लिखित माफ़ी मांगना चाहिये,जो प्रधानमंत्री दिन रात को भूलकर देश की सेवा में लगा हुआ है .हम सब अपने अपने स्तर पर अपने अपने क्षेत्रो में आम जन की सेवा में जुटे हए हैं –

समग्र भारत मीडिया समूह की संवाददाता स्निग्धा श्रीवास्तव ने सुश्री प्रतिमा भौमिक से देश के इस मौजूदा हालातो पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.पेश से है उनसे हुई लम्बी बातचीत के कुछ खास अंश…

क्या  मोदी सरकार ने देश भर में फैले खतरनाक को विड 19 महामारी से देश के लोगों की जान बचाने के लिए पर्याप्त काम किया है?

हां, हमारे पीएम नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने देश में महामारी से लड़ने के सभी इंतजाम सुनिश्चित करके भारत के लोगों की जान बचाने के लिए पर्याप्त काम किया है।उनकी जितनी सराहना की जाये,वो कम हैं.

 

कोविड संक्रमण की दूसरी लहर इस बार बहुत तेजी से फैल रहा  और मृत्यु दर भी इस बार अधिक है, लेकिन आपको लगता है कि पीएम मोदी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसा कैसे?

पिछले साल की तुलना में स्थिति बदल गई है, जहां हमारे पास कोविड वायरस से लड़ने के लिए बुनियादी ढांचा नहीं था और न ही हमारे पास किसी भी तरह का तकनीकी ज्ञान, कोई मास्क, कोई वेंटिलेटर, पर्याप्त पीपीई किट, कोई ऑक्सीजन नहीं है और निश्चित रूप से कोई टीका भी नहीं था। लेकिन आज हम उन अधिकांश चीजों में आत्मनिर्भर हैं जिन्होंने आबादी के एक बड़े हिस्से को महामारी से सुरक्षित रखने में मदद की है और पीएम मोदी जी ने भी अपने भाषण में भी कई बार इसका जिक्र किया है और देश को आशावाद से प्रेरित किया हैं .

वर्तमान कोविड संकट दौरान पीएम मोदी को दोषी ठहराने वाले विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी?
मै बहुत आश्चर्यचकित हूं कि ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल, और अन्य लोग पीएम मोदी को महामारी के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे  हैं । वे सभी बेशर्म व्यक्ति हैं और दोषारोपण की गन्दी राजनीति की कोशिश कर रहे हैं और हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी पर आरोप लगाकर  आम जनता को सच से बरगलाने की कोशिश कर रहे  हैं. मोदी सरकार द्वारा स्वीकृत की गई बहुत सारी धनराशि आबंटन के बावजूद उन नेताओ ने  अपने-अपने राज्यों के लिए  कुछ भी नहीं किया। इन सभी बेशर्म मुख्यमंत्रियों ने अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए कोविड महामारी से निपटने के लिए बनाए गए धन का दुरुपयोग किया है। उसकी केंद्र स्तर पर जांच होनी चाहिए.मोदी सरकार ने पिछले साल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए सभी राज्यों को यथोचित धनराशि की स्वीकृति दी थी, लेकिन इन राज्य सरकारों ने कुछ नही किया और आज वे ऑक्सीजन की कंमी का रोना रो रहे हैं। उन बेशर्म व अनैतिक नेताओ को मोदी सरकार को दोष देने से पहले अपनी गिरेबान में झांकना  चाहिए।


 उन मुख्यमंत्रियों का आरोप है कि मोदी सरकार ने देश में स्वास्थ्य व्यवस्था की अनदेखी की है?

भारतीय  संविधान के अनुसार स्वास्थ्य के साथ शिक्षा, कानून और व्यवस्था, कृषि और कई अन्य क्षेत्र राज्यों के विषय हैं .इसलिए स्वास्थ्य क्षेत्र में विफलता के लिए  राज्य सरकार ज्यादा जिम्मेदार हैं ,न कि केंद्र सरकार. उन्हें जिम्मेदारी से कार्य करने में अपनी विफलता को स्वीकार कर लेना चाहिए,  लेकिन इसके विपरीत, इन सभी मुख्यमंत्रियों ने केंद्र में मोदी और सरकार को दोषी ठहराया। लोग सच्चाई व वास्तविक स्थितियों से पूरी अवगत हैं,जिसका उन सभी को पहले भी जवाब मिला हैं ,अब आने वाले दिनों में भी अपनी जन शक्तियों से सबको उचित सबक सिखाएंगे।

क्या आप इन मुख्यमंत्रियों से माफी की मांग कर रहे हैं, जो उन्होंने कहा है?
जी हाँ,उन सभी मुख्यमंत्रियों को मोदी सरकार के खिलाफ लगाये गए निराधार आरोपों के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए.उन्हें वैश्विक नेता नरेंद्र मोदी को बदनाम करने और जन आकांक्षाओं को खारिज करने के कथित दावों को लेकर शर्म से डूब मरना चाहिए.ये एक सत्य है और तथ्य है कि पिछले करीब सात वर्षो में पीएम नरेंद्र मोदी जी जाति, पंथ, समुदाय से परे सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास के मूलमंत्र का पालन कर देश  की 130 करोड़ की आबादी को सुखी बनाने की दिशा में हर संभव कार्य कर रहे हैं . अब टीकाकरण का तीसरा चरण 1 मई से शुरू होने वाला हैं .जिसमे 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी को टीकाकरण करने का निर्णय उसी दिशा में उठाया गया कदम है।इसके पहले दो चरण के टीकाकरण कार्य हो रहा हैं .अबी तक करीब 18 करोड़ से ज्यादा की आबादी को टीका लगाया जा चुका है ,जो अपने आपमें एक विश्व रिकार्ड हैं.

कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी  अपने लगातार ट्वीट्स व अन्य माध्यमो  से प्रधानमन्त्री मोदी और भाजपा के खिलाफ जहर उगल रहे हैं,इस बारे में आप क्या सोचती  हैं?
प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी दोनों ही मूर्ख ही नहीं महामूर्ख है.दोनों भाई बहन अपने अपने राह से भटके हुए लोग हैं .देश उनके लिए सेवा नहीं बल्कि मेवा का कार्य हैं .उन्हें देश की राजनीति व भौगोलिक स्थितियों के बारे में सही जानकारी नहीं है .ये भी एक तथ्य हैं कि वे मोदी सरकार के खिलाफ अपनी गलतबयानी व मिथ्या आरोपों से कई चुनाव हार चुके हैं .अभी 2 मई के बाद भी कई हार देखने वाले हैं .

पर हम भाजपा के कार्यकर्त्ता गण जमीन से जुड़े हैं .अपने वैश्विक नेता श्री मोदी की कार्य संस्कृति के तहत एक कर्म सन्यासी की तरह कार्य करते हैं . हम कठिन परिस्थितियों से मुकाबला करना जानते हैं .इस कठिन काल से भी हम जल्द उबर जायेंगे.वैसे उन कांग्रेस नेताओ का जहर तो आम जनता ही निकाल कर फेक रही है .जैसी करनी ,वैसी भरनी.

क्या आपको लगता है कि अन्य देशों को टीके वितरित करना मोदी सरकार का उचित  फैसला  था?
हां, मुझे लगता है कि यह एक वाजिब फैसला था, क्योंकि हम वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) में विश्वास करते हैं, हमारे सभी पड़ोसी देशों और उन देशों को जो कि गरीब हैं और जिनके पास ऐसी सुविधाएं नहीं हैं, जरूरत के समय मदद करके, उनको टीके प्रदान करना एक सराहनीय  कदम था। यह कहा जाता है कि वो दोस्त वास्तव में एक सच्चा दोस्त है,जो विपत्तियों में आपका साथ दे.जिस समय टीका दुसरे देशो को दिया गया है ,वो एक वैश्विक समझौता का भी हिस्सा था.इस अनुपम लौकिक कार्य से हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी का कद विश्व में एक अद्वितीय नेता के तौर पर स्थापित हुआ है .वैसे उन निर्यात किये गए टीका से देश का टीकाकरण प्रभावित नहीं हुआ हैं .आप याद कीजिये ,सपा नेता अखिलेश यादव को ,क्या कहा था-उन्होंने –ये भाजपा का वैक्सीन है .नहीं लगवाऊंगा.कांग्रेस की भी कमोबेश ऐसी ही टिप्पणियां थी .अब राजनीति कर रहे हैं .उन सबको शर्म तो बिलकुल नहीं आती .

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पीएम के साथ बैठक को लाइव करने के साथ वर्षो पुरानी परंपरा को तोड़ने के बारे में आपकी क्या राय हैं ?
देखिये स्निग्धा जी ,शायद आपको पता होना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल कितने बड़े झूठे हैं.बुनियादी तौर पर मुझे तो वो विक्षिप्त दिखते हैं.कभी कुछ बोलते है ,कभी कुछ.मुझे लगता है पीएम की बंद कमरे की आधिकारिक बैठक को जानबूझकर लीक किया.ये नैतिकता व नियमो के खिलाफ जाता हैं .ये भी उनके चरित्र का एक परिचय है कि एक तरफ गलती करते है ,फिर तुरंत माफ़ी मांगने का नाटक करते है .

वैसे वो देश व दिल्ली की जनता के सामने पूरी तरह एक्सपोज हो गए हैं .केजरीवाल जी ने दिल्ली के लोगों से झूठ बोला था और अब अपना चेहरा बचाने के लिए वह विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे थे, जो उन पर उल्टा पड़ गया है। अब लोग समझ गए हैं कि वह क्या करना चाह रहे था और अब उनका लोगों को जवाब देने और बाद में माफी मांगने से कोई मतलब नहीं है।आने वाला समय उन्हें एक बड़ा सबक सिखाएगा.

*स्निग्धा श्रीवास्तव

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.