समग्र समाचार सेवा
कोलकत्ता, 19मई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य में राज्यपाल को बदलने की मांग की है जिसे सीएम ने ‘सुशासन’ के हित में होनें का दावा किया है।
बता दें कि ममता बनर्जी ने यह पत्र सीबीआई द्वारा नारद घोटाला मामले में दो मंत्रियों, एक पूर्व मंत्री और एक पूर्व मेयर सहित तृणमूल के चार नेताओं को गिरफ्तार करने के तुरंत बाद लिखा है।
ममता बनर्जी ने अपने पत्रों नें आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल धनखड़ चुनाव के बाद से पश्चिम बंगाल में हिंसा का ‘अतिरंजित वर्जन’ उठा रहे हैं और शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कानून-व्यवस्था के मुद्दे को उठाकर और सार्वजनिक डोमेन में इसके बारे में ट्वीट करके धनखड़ ‘सभी सीमाएं पार’ कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल उस समय ‘सरकार के कामकाज को अस्थिर’ करने की कोशिश कर रहे हैं, जब समय की जरूरत कोविड महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों पर केंद्रित थी।
बता दें कि तृणमूल सासंद सौगत रॉय ने आरोप लगाया है कि वह एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से कानून और व्यवस्था के गंभीर रूप से टूटने की कहानी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि राजभवन के तरफ से जानकारी मिली है कि राज्यपाल प्रशिक्षण से एक वकील थे और इस शक्तियों और जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से जागरूक थे। उन्होंने कानून-व्यवस्था के बिगड़ने पर वाजिब चिंता जताई थी। उन्होंने नारदा घोटाला मामले में शामिल राजनेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी थी।