एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ बोलकर फंसे रामदेव बाबा, IMA ने मुकदमा दर्ज करने के लिए की मांग

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22मई। एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ बोलकर रामदेव बाबा बूरी तरह से फंस चुके है। इस मामलें को लेकर IMA ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने क मांग की है।
बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, IMA ने आज एक प्रेस रिलीज जारी कर रामदेव बाबा के उस वायरल वीडियो का जिक्र किया है जिसमें वे एलोपैथी के विरोध में बोल रहे हैं। अब IMA ने इस वीडियो को देखकर भड़क उठे है और सरकार से मांग कर रहे है कि ‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री या तो इस आरोप को स्वीकार करें और आधुनिक चिकित्सा सुविधा को खत्म कर दें या फिर उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए।

प्रेस रिलीज में IMA ने कहा है कि भारत कोविड-19 महामारी का सामना कर रहा है और आधुनिक चिकित्सा पद्धति व भारत सरकार मिलकर लोगों की जिंदगियों को बचाने में जुटे हैं। इस संघर्ष में फ्रंटलाइन पर काम करने वाले 1200 एलोपैथ डॉक्टरों ने अपनी जिंदगी का बलिदान दे दिया है. स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में रामदेव के वीडियो को लाते हुए IMA ने कहा कि योगगुरु इसमें कह रहे हैं, ‘एलोपैथ एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है.’
साथ ही प्रेस रिलीज में ये भी कहा गया, ‘सर्वविदित है कि योगगुरु रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण जब बीमार होते हैं तो आधुनिक चिकित्सा सुविधा ही लेते हैं और एलोपैथ की दवाइयां खाते हैं। लेकिन बाबा रामदेव यह आधारहीन आरोप लगा रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं ताकि अपनी गैरकानूनी और बिना मंजूरी प्राप्त दवाओं को बेच सकें।’

गौरतलब है कि रामदेव बाबा ने एक वीडियों में कोविड-19 महामारी के कारण हो रही मौतों के पीछे एलोपैथ को कारण बताया है और कहा है कि जितने लोगों की मौत अस्पताल न जाने, ऑक्सीजन न मिलने की वजह से हुई उससे अधिक एलोपैथी की दवाइयां खाने से हुई हैं।’

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.