देश में अब खत्म होगी वैक्सीन की समस्या, मॉडर्ना-फाइजर के भारत आने का रास्ता आसान

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2जून। कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन की योजना बना रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर की वैक्सीन को भारत में बेचने के लिए जरूरी ब्रिजिंग ट्रायल की अनिवार्यता को सरकार ने खत्म कर दिया है. इस कारण अब जल्द ही देश में कोरोना की एक और वैक्सीन आ जाएगी।

भारत के शीर्ष दवा नियामक ने केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला, कसौली द्वारा विदेश में निर्मित कोविड-19 रोधी टीकों की जांच करने और ऐसी कंपनियों के लिए टीकों का इस्तेमाल शुरू करने के बाद ब्रिजिंग ट्रायल करने की अनिवार्यता में छूट दे दी है जिससे टीकों की उपलब्धता बढ़ेगी।

भारत के औषधि महानियंत्रक का यह फैसला फाइजर तथा सिप्ला जैसी कंपनियों की मांग की पृष्ठभूमि में आया है. उन्होंने भारत को आयातित टीकों की आपूर्ति के लिए की गई बातचीत के दौरान यह मांग की थी।

अभी तक किसी भी विदेशी कंपनी को भारत में कोरोना वायरस रोधी टीका शुरू करने से पहले ब्रिजिंग ट्रायल करना होता था. इसमें सीमित संख्या में स्थानीय स्वयंसेवकों पर टीके की प्रभावकारिता और सुरक्षा को परखा जाता है।
डीसीजीआई के अनुसार, भारत में हाल ही में कोविड-19 के मामले बेतहाशा बढ़ने के कारण बढ़ी टीकों की मांग तथा देश की जरूरतों केा पूरा करने के लिए आयातित टीकों की उपलब्धता बढ़ाने की जरूरत को देखते हुए यह छूट दी गई हैं।

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