समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7जून। देश में कोरोना संकट का सामना कर रहे लोगों ने कोरोना के ईलाज में संजीवनी बने ऑक्सीजन की कमी का भी सामना किया। लेकिन अब देश में ऑक्सीजन की कमी को पूरी करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।
भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस देश की सेवा में तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाने में 26000 मीट्रिक टन को पार कर गई।
भारतीय रेल द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 1534 से अधिक टैंकरों में 26281 मीट्रिक टन से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।
अब तक 376 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।
इस विज्ञप्ति के जारी होने तक 6 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां 26 टैंकरों में 483 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ लेकर चल रही हैं।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस से देश के दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक प्रत्येक ने 3000 मीट्रिक टन से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन की प्राप्त की है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने आंध्र प्रदेश में 2800 मीट्रिक टन से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 43 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी करने के साथ अपना काम प्रारंभ किया था।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश ,आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।
इस विज्ञप्ति के जारी होने तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797, मध्य प्रदेश में 656 मीट्रिक टन, दिल्ली में 5790 मीट्रिक टन, हरियाणा में 2212 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 3097 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 3237 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 2804 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 513 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 2474 मीट्रिक टन, झारखंड में 38 मीट्रिक टन और असम में 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।
अब तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश भर के 15 राज्यों में लगभग 39 नगरों /शहरों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन पहुंचाई है। इन शहरों में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश में सागर, जबलपुर, कटनी और भोपाल, महाराष्ट्र में नागपुर, नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम, दिल्ली में तुगलकाबाद, दिल्ली कैंट और ओखला, राजस्थान में कोटा और कनकपारा, कर्नाटक में बेंगलुरु, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, तड़ीपत्री और विशाखापत्तनम, केरल में एर्नाकुलम, तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयंबटूर और मदुरै, पंजाब में भटिंडा और फिल्लौर, असम में कामरूप और झारखंड में रांची शामिल हैं।
रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ऱखा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।
पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा, बड़ौदा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान ,तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।
ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।
रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।
यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए।
नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।