समग्र समाचार सेवा
रामपुर, 16जुलाई। किसान आंदोलन पर भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। रामपुर में राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान तो वापस नहीं आएगा, किसान वहीं रहेगा। सरकार को बातचीत करनी चाहिए। टिकैत ने कहा कि हमने 5 सितंबर को बड़ी पंचायत बुलाई है। आगे का जो भी निर्णय होगा, उसमें लेंगे। दो महीने का सरकार को भी टाइम है. अपना फैसला सरकार भी कर ले, किसान भी कर लेंगे. जंग होगी देश में ऐसा लग रहा है, युद्ध होगा।
टिकैत ने कहा कि आठ माह से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा आंदोलन अभी तो शुरुआत है। सरकार को कानून वापस लेने ही होंगे और एमएसपी की गारंटी का कानून देना ही पड़ेगा।
रामपुर पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का हालचाल जानने के लिए आये हैं. बारिश हो नहीं रही है. हमने डीजल को लेकर आंदोलन क्या कर दिया बोल रहे हैं कि महंगाई से आपका क्या मतलब है? डीजल खरीद रहे हैं, देख रहे हैं सरकार सब्सिडी दे रही या नहीं. किसान अपनी जेब से खरीद रहा है. गन्ने का भुगतान हो नहीं रहा. तराई वाली बेल्ट को नुकसान हो रहा है. हालात ये है कि देश के किसानों को नुकसान है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता एवं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, तब तक किसान भी दिल्ली से नहीं जाएंगे और आंदोलन जारी रहेगा। यह वही किसान खून है जिसने देश की आजादी के लिए 90 बरस तक लड़ाई लड़ी।
संसद घेराव की तैयारी
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम शांति के पुजारी है। हम हमशा धरनों पर शांति से विश्वास रखते हैं. किसान द्वारा संसद का घेराव करने पर टिकैत ने कहा कि किसान संसद भवन का रास्ता जानते हैं. 22 जुलाई को 200 लोग वहां जाएंगे. जब तक ससंद का सत्र चलेगा रोजाना 200 लोग वहां जाएंगे. अब किसान जब भी जाएगा संसद भवन ही जाएगा।