DCP की पत्नी ने ASI की बेटी को मारा। पार्किंग बनाम अतिक्रमण विवाद बना दलित बनाम राजपूत। दोषी DCP या ASI ?

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इंद्र वशिष्ठ
पुलिस कालोनी में कार पार्किंग को लेकर दिल्ली पुलिस के एक डीसीपी की पत्नी ने एक लड़की पर ताला फेंक कर मारा जिससे लड़की घायल हो गई। लड़की के पिता एएसआई है। दोनों के बीच कई महीनों से जारी यह विवाद जातीय रंग ले सकता  है।
न्यू पुलिस लाइन निवासी एएसआई सतपाल सिंह की बेटी दीपाली ने 18 जुलाई को मुखर्जी नगर थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें बताया है कि न्यू पुलिस लाइन में जे ब्लाक में एस्टेट ब्रांंच द्वारा कुछ काम कराया जा रहा है।
डीसीपी (संचार) एस के सिंह ने अपनी कार उनके घर के रास्ते में इस तरह से खड़ी करवा दी जिससे उनका रास्ता बंद हो गया।
ताला फेंक कर मारा-
शिकायत के अनुसार दीपाली की बहन शिवानी ने इस पर एतराज किया तो डीसीपी और उनकी  पत्नी मंजू ने उसे गालियां और धमकी दी।
डीसीपी की पत्नी ने शिवानी पर ताला फेंक कर मारा। जो उसकी आंख के पास लगा। दीपाली का आरोप है कि मंजू ने उसे भी बैट से मारा।
इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल है जिसमें डीसीपी की पत्नी गालियां देते हुए और ताला फेंक कर मारते हुए दिखाई दे रही है। इसके अलावा एक फुटेज में वह कार में बैठने के बाद बाहर थूकते हुए दिखाई दे रही है।
इन दोनों परिवार के बीच पहले भी कई बार झगड़ा हो चुका है। वरिष्ठ अफसरों को पहले भी डीसीपी और एएसआई के परिवार द्वारा शिकायत की गई।
झगड़े की जड़ – 
एएसआई सतपाल के घर के साथ खाली जमीन है जिस पर एएसआई ने पौधे लगा कर अपना कब्जा कर लिया। कुछ समय पहले डीसीपी ने वहां से पौधे हटवा दिए थे। डीसीपी एस के सिंह इस जगह का इस्तेमाल पार्किंग के रुप में करना चाहते है।
इस बात को लेकर पिछले साल दिसंबर से दोनों परिवार के बीच विवाद चल रहा है।
डीसीपी राजपूत और एएसआई दलित जाति के हैं। सतपाल की बेटी का आरोप है कि दलित जाति से होने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
एएसआई ने अतिक्रमण किया-
डीसीपी के पत्नी मंजू ने कुछ महीने पहले हुए झगड़े के समय मीडिया को बताया था कि एएसआई सतपाल के घर की एंट्री (मुख्य दरवाजा) दूसरी तरफ से है। एएसआई ने इस तरफ  गैरकानूनी तरीक़े से निर्माण करके कब्जा कर लिया और अब वह वहां गेट लगाना चाहता है। सतपाल की बेटी डीसीपी की कार के सामने बैठ जाती है ऐसा वह उकसाने के लिए करती है ताकि कार चालक पुलिसकर्मी उसे गुस्से में कुछ कहेंं तो वह वीडियो बना कर उन्हें फंसा सके।
जातिवाद का आरोप झूठा-
डीसीपी की पत्नी ने जातिवाद के आरोप को गलत बताया और कहा कि उनकी बेटी की शादी मेंं, उनके घर हुए पूजा हवन और भोज आदि में सतपाल का परिवार शामिल हुआ था।
घेराबंदी क्यों हटाई-
पुलिस अफसरों ने शिकायत मिलने पर उस विवादित खाली जमीन पर टीन की चादर लगवा कर घेरा बंदी करवा दी थी। ताकि पार्किंग या अतिक्रमण न हो सके। लेकिन अब वहां से यह घेरा बंदी हटा दी गई। जिसके बाद दोनों पक्षों में अब फिर झगड़ा हो गया। यह घेराबंदी क्यों हटाई गई और अब वहां कौन अतिक्रमण कर रहा था। इसका खुलासा पुलिस को करना चाहिए।  डीसीपी और एएसआई दोनों में से किसी के साथ भी नाइंसाफ़ी नहीं होनी चाहिए।
जातीय रंग न देने दें-
वैसे यह सीधा सीधा अतिक्रमण और पार्किंग का झगड़ा है। अतिक्रमण को भी हटाया जाना चाहिए। वरिष्ठ पुलिस अफसर चाहे तो आसानी से इस समस्या का हल निकल सकता है। वरना एक दिन यह विवाद जातीय रंग ले लेगा। उसके लिए वरिष्ठ पुलिस अफसर ही जिम्मेदार  होंगे।
पुलिस कालोनी में अवैध निर्माण-
 पुलिस सड़कों पर या सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती है लेकिन दूसरी ओर दिल्ली पुलिस की अनेक कालोनियों में रहने वाले पुलिसकर्मियों ने अतिक्रमण कर अवैध तरीक़े से कमरे तक बना रखें है। अतिक्रमण के कारण भी पड़ोसियों में झगड़े होते है।
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