समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 अगस्त। ओलंपिक खेलों में पहली बार भाग ले रहीं भारत की युवा महिला बॉक्सर लवलीना बोर्गोहेन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर देश का सिर ऊंचा किया है। महिला बॉक्सिंग के 69 किलो भार वर्ग में खेलने वालीं लवलीना को बुधवार को दुनिया की नंबर एक बॉक्सर तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। अगर इस मैच में वह जीत दर्ज करती तो फिर इस वेट कैटिगरी के फाइनल में गोल्ड मेडल पर अपना दावा ठोकतीं, लेकिन अपने पहले ही ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर कोई कम बड़ी उपलब्धि नहीं हैं।
असम की यह 23 वर्षीय मुक्केबाज लवलीना ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली देश की तीसरी बॉक्सर बनी हैं। इससे पहले पुरुष बॉक्सिंग में विजेंदर सिंह (75 kg) 2008 बीजिंग ओलंपिक, जबकि एमसी मैरी कॉम (51 kg) 2012 लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था ।
टोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। लवलीना का पदक पिछले 9 सालों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। इससे पहले साल 2012 लंदन ओलंपिक में स्टार बॉक्सर मैरीकॉम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। वहीं, पुरुष बॉक्सिंग में विजेंदर सिंह ने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ड मेडल पर कब्जा जमाया था।