तालिबान के समर्थन में उतरें ये देश, पाक ने कहा- टूट गईं गुलामी की जंजीरें

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16अगस्त। अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर लिया है जिससे लाखों लोग बेचैन हैं और अपने ही वतन को छोड़ने के लिए मजबूर हैं, लेकिन ‘तालिबान खान’ कहे जाने वाले इमरान खान ने एक बार फिर से अपने खतरनाक मंसूबे जाहिर कर दिए हैं। पाक पीएम इमरान खान ने आज तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने का स्वागत किया। यही नहीं उन्होंने तालिबान की वापसी को ‘दासती की जंजीरों को तोड़ने वाला’ बताया है। बता दें कि महिलाओं, युवाओं और आधुनिकतावादी विचारों को मानने वाले लोगों के लिए खतरनाक तालिबान का चीन और ईरान ने भी स्वागत किया है। एक तरफ चीन ने उम्मीद जताई है कि तालिबान का शासन स्थायी होगा तो वहीं ईरान का कहना है कि अमेरिका की हार से स्थायी शांति की उम्मीद जगी है।

जानकारी के मुताबिक इमरान खान ने कहा, ‘जब आप दूसरे का कल्चर अपनाते हैं तो फिर मानसिक रूप से गुलाम होते हैं। याद रखें कि यह वास्तविक दासता से भी बुरा है। सांस्कृतिक गुलामी की जंजीरों को तोड़ना आसान नहीं होता है। अफगानिस्तान में इन दिनों जो हो रहा है, वह गुलामी की जंजीरों को तोड़ने जैसा है।
अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने अपने दूतावासों को ही बंद कर दिया है और राजनयिकों को वापस निकाल रहे हैं। वहीं ईरान, चीन, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों ने तालिबान में अब भी अपने दूतावासों में काम जारी रखा है। इसके अलावा इनकी ओर से तालिबान की सरकार को मान्यता दिए जाने के भी संकेत मिले हैं। चीन ने तालिबान के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है और कहा है कि वह समावेशी सरकार देगा। चीन ने सोमवार को कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान अपने वादे पर खरा उतरेगा और देश में खुली एवं समावेशी विचारों वाली सरकार बनाएगा।’

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