समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16 सितम्बर। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु योग निद्रा में भाद्रपद शुक्ल एकादशी को करवट बदलते हैं, इस कारण से इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं. इसे वामन एकादशी, पार्श्व एकादशी या जयंती एकादशी भी कहा जाता है.
परिवर्तिनी एकादशी का समय –
पार्श्व एकादशी शुक्रवार, सितम्बर 17, 2021 को
18वाँ सितम्बर को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – प्रातः 06:07 से प्रातः 06:54
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – प्रातः 06:54
एकादशी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 16, 2021 को प्रातः 09:36 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – सितम्बर 17, 2021 को प्रातः 08:07 बजे
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखता है और वामन अवतार की विधिपूर्वक पूजा करता है, उसे वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है. अनजाने में किए गए पाप नष्ट होते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.