समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 30अक्टूबर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान देहरादून में मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना और सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और केन्द्रीय मंत्री श्री अजय भट्ट सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस देवभूमि उत्तराखंड की रचना करने का काम श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किया था और ना जाने कितने युवा उत्तराखंड की मांग करते-करते शहीद हो गए और उस समय हमारी पार्टी भी उत्तराखंड के युवाओं के साथ इस मांग को बुलंद कर रही थी। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि उत्तराखंड के युवाओं पर गोली किसने चलाई। श्री शाह ने कहा कि मैंने अपनी पिछली यात्रा के दौरान कहा था कि अटल जी ने उत्तराखंड बनाया है और मोदी जी इसे संवारेंगे और उत्तराखंड का चहुंमुखी विकास होगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां तीन कार्यक्रमों की शुरूआत एक साथ हुई है। पहला, उत्तराखंड की सभी पैक्स (Primary Agricultural Credit Society, PACS) का कम्प्यूटरीकरण का काम आज संपन्न हो गया है। कम्प्यूटराइज़ेशन होने से पैक्स के सदस्यों को कभी घपले या घोटाले का सामना नहीं करना पड़ता। कम्प्यूटराइज़ेशन होने से ज़िला बैंकों के साथ, ज़िला बैंकों का राज्य सहकारी बैंकों के साथ और राज्य सहकारी बैंकों का नाबार्ड के साथ सीधा जुड़ाव होता है और किसानों की सभी योजनाएं पैक्स के माध्यम से किसानों तक सीधे पहुंचती हैं। देश में बहुत कम राज्य अभी तक इस काम को पूरा कर सके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार एक कार्ययोजना बना रही है जिसके अंतर्गत देशभर के सभी पैक्स को कम्प्यूटराइज्ड करके उन्हें ज़िला बैंक, राज्य सहकारी बैंक और नाबार्ड के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज जो दूसरा बड़ा काम हुआ है, वो है मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का शुभारंभ। हम जानते हैं कि उत्तराखंड में पहाड़ों में विपरीत मौसम में पशुओं के लिए चारा पहुंचाने में हमारी माताओं और बहनों को बहुत दिक़्क़त होती है। यहां लगभग लगभग 2,000 किसान लगभग 1,000 एकड़ भूमि पर मक्के की खेती करेंगे और उससे वैज्ञानिक तरीक़े से पौष्टिक पशु आहार बनाने की योजना बनी है जिसका फ़ायदा लगभग एक लाख किसानों तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि तीसरा काम आज हुआ है, वो है कोऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन। ये सहकारी प्रशिक्षण केन्द्र कोऑपरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए आज बेहद ज़रूरी हैं। सहकारी आंदोलन को पिछली सरकारों ने क्षीण कर दिया लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत वर्ष में एक नया सहकारिता मंत्रालय बनाकर सहकारिता से जुड़े हुए देश के करोड़ों किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, मछुआरों आदि के कल्याण के लिए बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने कहा कि किसी को सालों तक याद नहीं आया कि अगर सहकारिता आंदोलन मूर्त रूप नहीं लेता है तो छोटे-मंझले किसानों, मछुआरों, माताओं-बहनों, पशुपालन में लगे भाईयों का क्या होगा। लेकिन मोदी जी ग़रीब के घर से आते हैं और ग़रीब का दर्द उनके दिल में रहता है। सहकारिता को प्रशिक्षण के बिना बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के अंतर्गत 30 प्रतिशत सब्सिडी पर दो रूपए किलो की दर से पशु आहार दिया जाएगा और इसके कारण माताएं-बहनें ढेर सारी आपदाओं से बचेंगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी कोरोना की आपदा आई, दूर-दराज भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले यहां के लोगों को हर तरह कोरोना से बचाने का काम उनकी पार्टी की सरकार ने किया है। जिन राज्यों में शत-प्रतिशत टीकाकरण सबसे पहले हुआ उनमें उत्तराखंड की वीरभूमि, देवभूमि भी शामिल है। यहां ऑक्सीजन के प्लांट लगाए गए, नए अस्पताल खोले गए, नए बेड बनाने की व्यवस्था की गई और तीसरी लहर नहीं आई लेकिन हमारी सरकार ने सारी तैयारियां करके रखी। श्री शाह ने कहा कि हाल में आई आपदा की भारत सरकार से सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री जी अयोध्या से तुरंत वापस आए। इस आपदा में एक भी यात्री की जान नहीं गई। उन्होने कहा कि दूसरे दिन ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया जब मैंने यहाँ आकार रिव्यू बैठक की तो पता चला कि ज्यादातर काम हो शुरु हो चुके थे। मैंने जहां-जहां हवाई निरीक्षण उन स्थानों की समस्याओं और कहाँ-कहाँ सुधार करने हैं उसके बारे में राज्य के मुख्यमंत्री, चीफ सेक्रेट्री और डीजीपी की पूरी जानकारी थी। जहां इस प्रकार की जागरूक सरकार होती है वहां विकास स्वत: होता है।
श्री अमित शाह ने कहा कि बद्रीविशाल और केदारधाम उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे भारत का गौरव है इसका पुनर्निर्माण होना ही चाहिए था। उन्होंने बताया कि अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के लिए 20,000 करोड का निवेश, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग 125 किलोमीटर की नई रेल लाइन में 24,659 करोड, राष्ट्रीय राजमार्ग के नगीना-काशीपुर को चार लेन का बनाने के लिए 2,500 करोड़, नेशनल हाईवे 74 के लिए 757 करोड रुपए, विष्णुगढ़-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना पर 3,860 करोड़, तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना पर 5,867 करोड़ और टिहरी पम्प स्टोरेज प्लांट पर 4,825 करोड़ रुपए सहित विगत 5 वर्ष में इस छोटे से राज्य में मोदी जी ने 85 हजार करोड़ रुपए के निवेश का काम किया है।
श्री शाह ने कहा कि पिछली केंद्र सरकार को 10 साल के अंदर उत्तराखंड के लिए क्या किया इसका हिसाब देवभूमि की जनता को देना चाहिए। उन्होने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व और श्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में उनकी पार्टी ही उत्तराखंड का भला कर सकती है और कोई नहीं कर सकता। श्री शाह ने कहा कि अटल जी ने उत्तराखंड को बनाया है इसका विकास करना हमारा नैतिक दायित्व है। उत्तराखंड की गरीब माताओं के घर में आज तक गैस नहीं जाती थी, बिजली और शौचालय नहीं थे, ये सभी कार्य श्री नरेंद्र मोदी जी ने किए हैं।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के हर घर को 5 लाख रुपए का हेल्थ कार्ड देने का काम किया गया और इस दुर्गम राज्य के हर घर में नल से जल देने का भी हमारा संकल्प है। उन्होने कहा कि 2022 तक हर घर में नल से शुद्ध पीने का जल पहुंचेगा और माताओं बहनों को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। 70 साल में गरीबों को बैंक अकाउंट नहीं मिल पाया था, हमारे नेता और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 45 करोड़ बैंक अकाउंट खोलने का काम किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कोई ऐसा घर नहीं है जहां से सेना या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में जवान न हो, देश की सुरक्षा करने के लिए उत्तराखंड के जवानों ने हमेशा अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होने कहा कि यह भूमि वीरों की भूमि है पर जब वन रैंक वन पेंशन की बात थी, 70 साल तक राज करने वाली पिछली सरकार ने जवानों के लिए वन रैंक वन पेंशन की बात नहीं की। आपने जब मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया उन्होंने एक ही झटके में 2016 में वन रैंक वन पेंशन का मसला समाप्त कर लाखों जवानों को उनका अधिकार देने का काम किया। श्री अमित शाह ने कहा कि हम लोग विकास को मानते हैं, हम गरीबों का दर्द जानते हैं क्योंकि हमारा नेता ही चाय बेचने वाले के गरीब परिवार में जन्म लेकर यहां तक आता है।