गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र यात्रा का दूसरा दिन, पुणे में एनडीआरएफ़ के जवानों के साथ किया भोजन और संवाद

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समग्र समाचार सेवा
पुणे, 19दिसंबर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज अपनी महाराष्ट्र यात्रा के दूसरे दिन पुणे में एनडीआरएफ की पांचवी बटालियन के कैंप परिसर का औपचारिक उद्घाटन कर नए परिसर का निरीक्षण किया और सीएफ़एसएल परिसर में नए भवन का लोकार्पण किया। श्री अमित शाह ने एनडीआरएफ़ के जवानों के साथ भोजन और संवाद भी किया। केन्द्रीय गृह सचिव और एनडीआरएफ़ के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। एनडीआरएफ़ के नवनिर्मित परिसर में जवानों के लिए बैरक, मेस, अधिकारियों और जवानों के लिए रिहायश, स्कूल, यूनिट अस्पताल, एटीएम, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और हैलीपैड जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ़ विश्वास का प्रतीक है और उनकी उपस्थिति मात्र से ही लोगों के मन में सुरक्षा का भाव उत्पन्न हो जाता है। इतने कम समय में एनडीआरएफ की 16 बटालियनें पूरे देश में अपना काम बहुत अच्छे तरीके से कर रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा हो बाढ़, भूस्खलन, तूफ़ान, कहीं इमारत ढह गई हो या बिजली गिरी हो, हर मौक़े पर एनडीआरएफ जवानों के पहुंचते ही देश की जनता राहत लेती है कि अब एनडीआरएफ आ गया है और हम सब सलामत हैं। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में, इतने बड़े देश में और इतने कठिन क्षेत्र में यह विश्वास पैदा कर पाना बहुत कठिन होता है और वह तभी होता है जब बल के मुखिया से लेकर अंतिम व्यक्ति तक सब लोग अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित हों। यह तब होता है जब अपनी चिंता किए बिना जिसे बचाने आए हैं, उसकी चिंता करें, अपनी जान की चिंता किए बिना जिसकी जान बचानी है, उसके लिए काम करें। श्री शाह ने कहा कि आपने देश में बहुत कम समय में लोगों का विश्वास अर्जित किया है और ये ख्याति सिर्फ भार में ही नहीं बल्कि बहुत सारे देशों में हुई है। विदेशों में भी एनडीआरएफ़ को कई बार भेजा गया और वहां पर भी बहुत अच्छे परिणाम आए और बहुत अच्छे संदेश आप भारत के लिए छोड़ कर आए हैं और वह तभी संभव हो सकता है जब आप वसुधैव कुटुंबकम में भरोसा करते हो। समग्र मानव जाति के प्रति एनडीआरएफ की जो संवेदना और समर्पण है ये इसका परिचायक है और हमें यह बरकरार रखना चाहिए।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ को कई अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का एक तरीक़े से काम करने का स्वभाव बनाने और एनडीआरएफ के तत्वाधान में एसडीआरएफ को भी एनडीआरएफ के समकक्ष बनाने के लिए बहुत कुछ करना अभी बाकी है। जब तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के एक प्रकार से एक साथ काम करने का प्रशिक्षण और अभ्यास नहीं होंगे, तब तक हम इतने बड़े देश में हर आपदा के समय जनता को बचाने पाने में सफल नहीं हो सकते।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि इससे आज क्या बदलाव आएगा, मैं उनको कहना चाहता हूँ कि अगर हम ऐसे ही सोचेंगे तो कभी भविष्य को संवार नहीं पाएंगे। आज हम जो बीज बोयेंगे वही आगे चलकर वटवृक्ष बनेगा और ये बीज डालने का काम मोदी सरकार कर रही है। सीएफएसएल की मैनपावर की स्थिति को भी हम बढ़ाएंगे। इसके साथ ही जल्द से जल्द साइंटिफिक एविडेंस सीधा कोर्ट और थाने तक इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पहुंचाए, इसको भी सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। भारत सरकार ने कई सॉफ्टवेयर डेवलप किए हैं जिनसे कोर्ट और एफएसएल को भी जोड़ा जा रहा है जिससे कोर्ट में कोई भी व्यक्ति या प्रॉसिक्यूटर नहीं कह सकेगा कि एफएसएल रिपोर्ट आनी बाकी है। रिपोर्ट कोर्ट के रिकॉर्ड में सीधी पहुंच जाएगी और इसकी प्रति थाने में जाएगी और एक कॉपी राज्य के गृह मंत्रालय के पास जाएगी। यह व्यवस्था जिस दिन स्थापित होगी उस दिन बहुत सारी देरी समाप्त हो जाएगी और विज्ञान का उपयोग करते हुए हम दोष सिद्धि के प्रमाण को बढ़ा पाएंगे। उन्होंने कहा कि आज ढेर सारी चुनौतियां आंतरिक सुरक्षा के सामने खड़ी हुई हैं, जैसे, नारकोटिक्स, हथियारों की तस्करी, जाली नोट, सीमापार से घुसपैठ आदि क्षेत्रों में एफएसएल के सहयोग से हम काफी कुछ कर सकते हैं।

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