समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 23दिसंबर। यूएस एफडीए ने बुधवार को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए फाइजर की गोली पैक्सलोविड को मंजूरी दे दी है। अब 12 साल या उससे ऊपर उच्च जोखिम वाले लोगों के कोविड इलाज के दौरान पैक्सलोविड टैबलेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि अभी भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस टैबलेट के ग्रीन सिग्नल का इंतजार बाकी है। यह पहली दवा है जिसे नए संक्रमित मरीज अब अस्पताल से बाहर रहने के लिए घर पर ले जा सकते हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में फाइजर की पैक्सलोविड टैबलेट को इस्तेमाल कर सकेंगे।
ये गोली कोविड महामारी में एक प्रमुख मील का पत्थर है जो लाखों लोगों को इलाज की अनुमति देगा। अमेरिका ने पैक्सलोविड नामक टैबलेट को बनाकर कोरोना से जूझ रहे लोगों में भी मौत के कम खतरे का दावा किया है। एफडीए वैज्ञानिक पैट्रिजिया कैवाजोनी ने कहा, दुनिया के कई देशों में कोविड का स्वरूप बन चुके कोरोना वायरस के उपचार के लिए एक टैबलेट सफलतापूर्वक तैयार कर ली गई है। कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में ये ऐतिहासिक कदम है। फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष अल्बर्ट बोरूला ने बताया कि अस्पताल में कोरोना का इलाज कर रहे 2,200 लोगों इस टैबलेट का परीक्षण करने पर इसमें अप्रत्याशित परिणाम सामने आए। टैबलेट से मौत के जोखिम को 88 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता अभी-अभी चला है, इसलिए अभी कंपनी ने इसमें इसका परीक्षण नहीं किया है। हालांकि इसके बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि टैबलेट के काम करने का तरीका ऐंटिबॉडीज या वैक्सीन के तरीके से थोड़ा अलग है, इसलिए ये टैबलेट ओमिक्रॉन ही नहीं कोरोना के किसी भी वैरिएंट के खिलाफ कारगर होगा।
अमेरिकी दवा नियंत्रक यूएसएफडीए की समिति के सामने पैक्सलोविड टैबलेट का आवेदन पहुंचा था। समिति के सभी सदस्यों ने इसके इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। इसे लेकर समिति को सुरक्षा संबंधी ज्यादा खतरा नहीं दिखा है। पैक्सलोविड टैबलेट प्रॉटीज की गतिविधि रोक देता है। प्रॉटीज एक एंजाइम है जो वायरस को रेप्लिकेट करने में मदद करता है।