समग्र समाचार सेवा
चेन्नई, 14 फरवरी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस साल भी सफलताओं की सीढ़ियां चढ़नी शुरू कर दी हैं। सोमवार को इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी52 के जरिए सैटेलाइट ईओएस-04 को सफलतापूर्व प्रक्षेपित किया। इसके साथ दो अन्य छोटे सैटलाइट्स को भी अंतरिक्ष में भेजा गया। लॉन्च के साथ ही लोगों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। रविवार को ही इस मिशन की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी।
क्या काम करेगा यह सैटलाइट
पीएसएलवी-सी 52 के माध्यम से जिस उपग्रह ईओएस-04 को धरती की कक्षा में भेजा गया है वह धरती पर नजर रखने का काम करनेगा। इसके अलावा दो छोटे-छोटे ध्रुवीय उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है। इसके लिए 25 घंटे और 30 मिनट की उल्टी गिनती की गई। ईओएस-04 एक रडार इमेजिंग सैटलाइट है जिसका काम कृषि, वृक्षापोपण, मिट्टी की नमी, बाढ़ मानचित्र, जल विज्ञान और मौसम विज्ञान संबंधी जानकारियां भेजना है।
क्या करेंगे छोटे उपग्रह
जिन दो छोटे उपग्रहों को भेजा गया है उन्हें कोलोराडो यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तैयार किया गया है। इसके अलावा एक उपग्रह को भारतीय अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बनाया गया है। इन उपग्रहों के जरिए आयनमंडल औऱ सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं के बारे में रिसर्च किया जाएगा। दूसरे उपग्रह के जरिए भूमि के तापमान, आर्द्रता आदि का पता लगाया जाएगा।
पीएसएलवी की यह 54वीं उड़ान
बता दें कि पीएसएलवी की यह 54वीं उड़ान है। इसके अलावा 6 पीएसओएस-एक्सएल (स्ट्रैपऑन मोटर्स) के जरिए इस सिस्टम का प्रयोग करते हुए यह 23वां अभियान है। पीएसएलवी के जरिए भेजे गए इस उपग्रह को धरती से 529 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है।