2021 में रेलवे ने 1.78 करोड़ यात्रियों को बिना टिकट पकड़ा!

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 20 फरवरी। कोरोना महामारी के असर से रेलवे भी अछूता नहीं रहा है। रेलवे के नए आंकड़ों से पता चला कि महामारी के दौरान चलाई ट्रेनों में बिना टिकट यात्रियों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा रही है। रेलवे ने 2021-22 के पहले नौ महीनों में 1.78 करोड़ से अधिक बिना टिकट यात्रियों को पकड़ा है। साथ ही बिना बुकिंग वाले सामान के साथ यात्रियों को भी पकड़ा है। जो कि यह गैर कोरोना प्रभावित वित्तीय वर्ष 2019-2020 से लगभग 79 प्रतिशत की वृद्धि है। यह जानकारी आरटीआइ के माध्यम से मिली है।

आरटीआई के सवाल पर रेलवे का आया जवाब

मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में रेलवे बोर्ड ने यह डेटा उपलब्ध कराया है। आरटीआइ के जवाब से यह भी पता चला कि अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान 1.78 करोड़ से अधिक यात्रियों को बिना टिकट/अनुचित टिकट और बिना बुक किए सामान के साथ यात्रा करते हुए पाया गया। उनसे 1,017.48 करोड़ रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई है। सूत्रों ने संकेत दिया कि टिकट रहित यात्रा में इस तरह की वृद्धि का एक प्रमुख कारण यह है कि अब भीजब अधिकांश कोविड प्रतिबंध हटा दिए गए हैंकई एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में केवल आनलाइन बुकिंग और सीमित सेवाएं हैं।

वित्त वर्ष 2020-21 के बीच 27.57 लाख लोग बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए

2019-2020 का वित्तीय वर्ष जो कोरोनो महामारी से प्रभावित नहीं था1.10 करोड़ लोग बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए और उनसे कुल 561.73 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया गया। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 यानी वित्त वर्ष 2020-21 के बीच 27.57 लाख लोग बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए और उन पर 143.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। यात्रियों ने यह भी शिकायत की है कि जहां तक ट्रेन सेवाओं का संबंध हैमांग-आपूर्ति में अंतर था।

रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े

रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार सीट आरक्षण चार्ट को अंतिम रूप देने के बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल 52 लाख से अधिक लोग चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में ट्रेनों से यात्रा नहीं कर सकेजो व्यस्त मार्गों पर अधिक ट्रेनों की आवश्यकता का संकेत देता है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 के सितंबर तक32,50,039 पीएनआर (यात्री नाम रिकार्ड)जिसके खिलाफ 52,96,741 यात्रियों की बुकिंग थीइनको आटो रद कर दिया गया क्योंकि वे चार्ट तैयार होने के बाद प्रतीक्षा सूची की स्थिति में थे।

कोरोना के चलते रेल सेवा हुई थी प्रभावित

बता दें कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि पिछले दो वर्षों में यात्रा पर गंभीर प्रतिबंधों के बादलोग अब अधिक से अधिक यात्रा कर रहे हैं। कुछ आपात स्थिति के कारण और कई अवकाश के लिए। जबकि यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है और ट्रेनों की संख्याउनकी आवृत्तियां समान बनी हुई हैं। रेलवे के आंकड़ों के अनुसार2019-2020 से 2021-22 तक ट्रेन सेवाओं का लाभ उठाने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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