समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 मार्च। यूक्रेन में युद्ध के संकट के बीच भारत अपने लोगों को निकालने का हर संभव प्रयास कर रहा है। यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। राजधानी कीव पर इस समय संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में भारत के लोगों को कीव से अलग शिफ्ट किया गया है और उन्हें पड़ोसी देशों के जरिए भारत वापस लाया जा रहा है। भारत ने इस मिशन को ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया है। राहत की बात है कि भारत ने पिछले 24 घंटे में 1377 लोगों को निकाल लिया है।
भारतीय वायुसेना भी कर रही मदद
अब इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना भी जुट गई है। आज एयरफोर्स के तीन विमान पोलैंड, हंगरी और रोमानिया के लिए रवाना हो गए हैं। आज सुबह 4 बजे ही ग्लोबमास्टर सी 17 रोमानिया के लिए रवाना हो गया है। इस समय भारत रोमानिया, स्लोवाकिया, पोलैंड और हंगरी से भारतीय छात्रों और अन्य लोगों को मदद पहुंचा रहा है। यूक्रेन ने अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है। ऑपरेशन गंगा का एक ट्विटर अकाउंट भी है। कीव में भारतीय दूतावास ने कहा था कि एक दिन में ही सभी लोग कीव से निकल जाएं। जानकारी के मुताबिक अब कीव में कोई भारतीय नहीं है और वे यूक्रेन के बॉर्डर वाले इलाकों में पहुंच गए हैं। यूक्रेन की सरकार ने भी लोगों के लिए ट्रेनों का प्रबंध किया था।
चार केंद्रीय मंत्री भी संभाल रहे मोर्चा
इसके अलावा सरकार ने चार केंद्रीय मंत्रियों को अपना विशेष राजदूत बनाकर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू, जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। यूक्रेन संकट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी भी कई बैठक कर चुके हैं। यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय थे जिनमें से 60 फीसदी ने देश छोड़ दिया है और बाकी 40 फीसद में से भी कोई कीव में नहीं है।