दिल्ली पहुंचे योगी आदित्यनाथ, भाजपा शीर्ष नेतृत्व संग करेंगे बैठक

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समग्र समाचार सेवा

लखनऊ13 मार्च । भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी बड़े काम को अंजाम देने से पहले होमवर्क जरूर करते हैं। उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष तक सरकार चलाने के बाद अब वह प्रदेश में लगातार दूसरी बार भाजपा की ताजपोशी की तैयारी में लगे हैं। वह आज दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी से भी भेंट करने पहुंचे हैं। प्रदेश के एकिटंग सीएम योगी आदित्यनाथ का दिल्ली प्रवास दो दिन का माना जा रहा है।

शपथ ग्रहण की तारीख पर होगी चर्चा

पीएम नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ आज दिल्ली की बैठक में मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख के साथ नए मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों तथा डिप्टी सीएम के नाम तय होने हैं। इस मिशन के लिए भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में शनिवार को होमवर्क किया।

नई दिल्ली के यूपी सदन पहुंचे योगी

योगी आदित्यनाथ रविवार को करीब नौ बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड करने के बाद नई दिल्ली के यूपी सदन पहुंचे हैं। तीन बजे वह उप राष्ट्रपति एम.वैंकैया नायूड से मिलेंगे। पांच बजे वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट करेंगे। छह बजे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने के बाद रात में आठ बजे रक्षा मंत्री तथा लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह से मिलेंगे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तथा संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों के शपथ की तारीख तय होगी।

बैठक में      2024 के लोकसभा चुनाव पर भी होगा फोकस

उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का पूरा फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी होगा। उत्तर प्रदेश के 80 सांसद देश की सरकार की दिशा तथा दशा तय करते हैं। प्रदेश में भाजपा की लगातार दूसरी सरकार के गठन के दौरान भी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जातीय तथा क्षेत्रीय संतुलन पर जोर देगा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह तथा महामंत्री संगठन सुनील बंसल की राय पर भी ध्यान दिया जाएगा।

चर्चा का विषय नया मंत्रिमंडल

अब प्रदेश में नये मंत्रिमंडल को लेकर तमाम चर्चाएं हैं। इनमें सबसे अधिक चर्चा का विषय प्रदेश के उपमुख्यमंत्री का पद है। इसके साथ ही पिछली सरकार के कैबिनेट, स्वतंत्र प्रभार तथा राज्य मंत्रियों के कद का भी आंकलन चल रहा है। 11 मंत्रियों तथा उप मुख्यमंत्री के चुनाव हारने के बाद कम से कम डेढ़ दर्जन नए विधायक भी मंत्री बन सकते हैं। इनमें भाजपा के साथ सहयोगी दल निषाद पार्टी तथा अपना दल हैं। इनमें से एक-एक कैबिनेट मंत्री तथा अन्य स्वतंत्र प्रभार तथा राज्य मंत्री भी बनेंगे।

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