समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26 मार्च। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण एक महीने से अधिक से जारी है और मॉस्को का आक्रमण थमता नजर नहीं आ रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने परमाणु बलों को विशेष अलर्ट पर रखने के कुछ घंटों बाद रूस ने अपनी न्यूक्लियर पनडुब्बियां समंदर में उतार दी हैं। इससे न्यूक्लियर वॉर की आशंका भी बढ़ गई है।
16 बैलिस्टिक मिसाइल ले जा सकती हैं रूसी न्यूक्लियर पनडुब्बियां
बता दें कि रूसी न्यूक्लियर पनडुब्बियां एक साथ 16 बैलिस्टिक मिसाइल को ले जाने में सक्षम है। इन पनडुब्बियों को उत्तरी अटलांटिक महासागर में उतारा गया है। रूस के इस कदम को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रेमलिन अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जाता दिख रहा है। रूस पर नजर रख रहे विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन आक्रामक रणनीति के लिए न्यूक्लियर धमकियां देते रहे हैं। ऐसा उन्होंने 2014 के क्रीमिया युद्ध के दौरान भी किया था।
न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करेगा रूस?
रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने 3 मार्च से अपने न्यूक्लियर हथियारों को हाई अलर्ट पर रखा है। मॉस्को ने 22 मार्च को नाटो को धमकी देते हुए कहा था कि अगर नाटो ने सीमा लांघी तो क्रेमलिन न्यूक्लियर हमले से नहीं चूकेगा। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा था कि अगर रूस के सामने ‘अस्तित्व का खतरा’ खड़ा होता है तो वह न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करेगा।
डोनबास का लिबरेशन चाहता है रूस
रूस के जनरल स्टाफ के पहले उप प्रमुख कर्नल जनरल सर्गेई रुडस्कॉय ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि सामान्य तौर पर ऑपरेशन के पहले चरण के सभी मुख्य कार्य पूरे हो चुके हैं। ऐसे में अब हम मुख्य लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिशों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। और यह मुख्य लक्ष्य डोनबास का लिबरेशन है। उन्होंने कहा है कि जब तक रूसी सेना डोनबास और लुहंस्क को लिबरेट नहीं करती, हम पीछे नहीं हटने वाले।