समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 26 मार्च। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। बैठक में सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति बनानी थी, लेकिन इससे पहले सपा में एक बार फिर अंदरुनी झगड़े की आहट सुनाई देनी लगी है। अखिलेश यादव ने एक बार फिर चाचा शिवपाल यादव को बड़ा झटका देते हुए उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
शिवपाल यादव को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया
दो दिन से उम्मीद लगाकर लखनऊ में डेरा डाले शिवपाल यादव को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया है। इससे शिवपाल यादव ने नाराजगी भी जाहिर की है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव को सपा के चुनाव चिह्न पर ही जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ाया गया था। ऐसे में शिवपाल यादव को पूरी उम्मीद थी कि विधायक दल की बैठक में उन्हें बुलाया जाएगा।
शिवपाल का पत्ते खोलने से इंकार
शिवपाल यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें जानकारी मिली की विधायक दल की बैठक होनी है तो वह लखनऊ में ही दो दिन से रुके हुए थे। उन्हें उम्मीद थी कि बैठक में बुलाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शिवपाल यादव से जब पूछा गया कि उनका अगला कदम क्या होगा तो उन्होंने अभी पत्ते खोलने से इनकार किया और कहा कि समर्थकों से विचार-विमर्श के बाद ही वह कोई फैसला करेंगे।
विपक्ष का नेता बनाए जाने की थीं अटकलें
विपक्ष में बैठने का जनादेश मिलने के बाद यह भी अटकलें थीं कि शिवपाल यादव को विपक्ष का नेता भी बनाया जा सकता है। हालांकि, अखिलेश यादव ने संसद से इस्तीफा देकर विधानसभा में रहने का फैसला किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह खुद नेता विरोधी दल बनकर योगी आदित्यनात को सीधी चुनौती देना चाहेंगे।