समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 14 अप्रैल। कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के हंसखली में एक नाबालिग लड़की के कथित बलात्कार और उसके बाद हुई मौत के मामले की जांच को मंगलवार को राज्य पुलिस से केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया। कोर्ट ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए यह आदेश जारी किया है।
हाईकोर्ट ने जताया पूरे मामले पर संदेह
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि कोई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं है। कोई मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं है। यह तथ्य पूरी घटना को दबाने और साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश का संदेह पैदा करता है।
निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई पर भरोसा
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस आर. भारद्वाज की खंडपीठ ने आदेश दिया कि मामले की परिस्थितियों को देखते हुए और कानूनी स्थिति पर विचार करने के बाद हमारी राय है कि मामले में निष्पक्ष जांच के लिए इसे सीबीआई को दिया जाए।
हाईकोर्ट ने कहा सीबीआई जांच ही सही रहेगी
पीड़िता के परिजनों, क्षेत्र और राज्य के लोगों में विश्वास कायम करने के लिए स्थानीय पुलिस की बजाय सीबीआई जांच सही रहेगा। पीठ ने कहा कि हम राज्य की जांच एजेंसी को तत्काल प्रभाव से जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश देते हैं। हमने पाया कि जांच में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर गंभीर खामिया हैं।
सीबीआई को सौंपें सभी दस्तावेज
अदालत ने राज्य की जांच एजेंसी को आरोपियों की हिरासत के साथ जांच से जुड़े सभी दस्तावेजों को सीबीआई को तत्काल सौंपने का निर्देश दिया। पीठ ने सीबीआई को भी निर्देश दिया कि 2 मई को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत के समक्ष जांच की प्रगति के बारे में रिपोर्ट जमा करें। पीठ ने संबंधित अधिकारियों को भी पीड़िता के परिजनों और मामले के गवाहों को पूरी सुरक्षा प्रदान किये जाने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इस सच से आंखें नहीं मूंद सकती है कि आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी के एक प्रभावशाली नेता का बेटा है।
परिजनों ने की थी सीबीआई जांच की मांग
याचिकाकर्ता के वकीलों फिरोज एदुलजी और अनिंद्य सुदंर दास ने नाबालिग से कथित दुष्कर्म और उसकी मृत्यु के मामले में सीबीआई जांच का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हंसखली के एक प्रभावशाली पंचायत नेता का बेटा है। आरोप है कि 4 अप्रैल को लड़की आरोपी के जन्मदिन की पार्टी में उसके हंसखली स्थित आवास पर गई थी। उसके साथ रेप करने से पहले उसे नशीले पदार्थ का सेवन कराया गया था। दुष्कर्म के एक दिन बाद कथित तौर पर रक्त स्राव की वजह से नाबालिग की मृत्यु हो गई।
हंसखली थाने में दर्ज कराया गया था मामला
याचिका के अनुसार, 10 अप्रैल को हंसखली थाने में उसके परिवार के सदस्यों द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप लगाया गया कि आरोपी और उसके परिजनों के दबाव और धमकी के कारण थाना पूरे मामले पर चुप रहा। लड़की का कथित तौर पर बिना पोस्टमॉर्टम या मृत्यु प्रमाण पत्र के गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। दास ने दावा किया कि पुलिस को घटना के लगभग एक हफ्ते बाद पता चला। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि पुलिस ठीक से काम करने में विफल रही है।