समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 अप्रैल। भारत ने सोमवार को 2019 के पुलवामा हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सदस्य मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर को नामित आतंकवादी घोषित किया। आलमगीर जेईएम की फंड कलेक्शन गतिविधियों को देखता है और उक्त फंड को कश्मीर में भेजता है। वह अफगान कैडरों की घुसपैठ को सुविधाजनक बनाने और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों पर आतंकी हमलों के समन्वय में भी शामिल रहा है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर का रहना वाला
1 जनवरी 1983 को जन्मा आलमगीर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर का रहना वाला है। गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आलमगीर को व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित करते हुए एक अधिसूचना जारी की।
आलमगीर को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है
मंत्रालय ने कहा कि आलमगीर को मकतब अमीर, मुजाहिद भाई, मुहम्मद भाई, एम. अम्मार और अबू अम्मार जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। आलमगीर पुलवामा आतंकी हमले में शामिल था, जिसमें 2019 में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
14 फरवरी, 2019 को हमले की साजिश रची
14 फरवरी, 2019 को, पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हमले की साजिश रची थी। हमले के कुछ दिनों बाद, भारतीय युद्धक विमानों ने नृशंस आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट के अंदर जैश के सबसे बड़े आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था।
एनआईए ने इन आतंकवादियों को बनाया आरोपी
आतंकी मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जैश प्रमुख मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर, मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक, आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और पाकिस्तान से सक्रिय अन्य आतंकवादी कमांडरों को आरोपी मामले में आरोपी बनाया है।