यूक्रेन युद्ध व दिल्ली दंगों के सनसनीखेज कवरेज व भड़काऊ दावों से बचें टीवी चैनलः केंद्र सरकार

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 23 अप्रैल। यूक्रेन-रूस युद्ध और दिल्ली दंगों की टेलीविजन कवरेज पर आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को समाचार चैनलों को सख्त एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने उनसे संबंधित कानूनों द्वारा निर्धारित कार्यक्रम संहिता का पालन करने को कहा है। केंद्र सरकार ने इसके लिए यूक्रेन-रूस युद्ध पर रिपोर्टिंग करते समय समाचार एंकरों द्वारा ‘हाइबरबोलिक’ (बढ़ा-चढ़ाकर) बयानों और निंदनीय सुर्खियों और टैगलाइनों” के विशिष्ट उदाहरणों का हवाला दिया।

टीवी पर अस्वीकार्य भाषा का प्रयोग किया गया

टीवी चैनलों ने असत्यापित सीसीटीवी फुटेज को प्रसारित कर उत्तर पश्चिमी दिल्ली में घटनाओं की जांच प्रक्रिया को बाधित किया। एडवाइजरी में यह भी कहा कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली की घटनाओं पर टेलीविजन चैनलों पर कुछ बहसों में असंसदीय, उत्तेजक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा का प्रयोग किया गया। पिछले हफ्ते हनुमान जयंती जुलूस के दौरान उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी ।

सामग्री प्रसारित करने के तरीके के बारे में चिंता जताई

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी में टेलीविजन चैनलों पर सामग्री प्रसारित करने के तरीके के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। इसने चैनलों को दृढ़ता से सलाह दी कि वे केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 और उसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी सामग्री को प्रकाशित और प्रसारित करने से तुरंत बचें।

अधिनियम के तहत कार्यक्रम संहिता की धारा 6 का दिया हवाला

अधिनियम के तहत कार्यक्रम संहिता की धारा 6 में कहा गया है कि केबल सेवा में कोई भी कार्यक्रम नहीं चलाया जाना चाहिए,  जो अच्छे स्वाद या शालीनता के खिलाफ हो। जिसमें मित्र देशों की आलोचना शामिल है, जिसमें धर्मों या समुदायों पर हमला या धार्मिक समूहों के प्रति अवमानना करने वाले दृश्य या शब्द शामिल हैं या जो सांप्रदायिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं। जिसमें अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर, झूठे और विचारोत्तेजक संकेत और अर्धसत्यकुछ भी शामिल हों।

रिपोर्टिंग में चैनल झूठे दावे कर रहे हैं

एडवाइजरी में कहा गया कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर रिपोर्टिंग करते समय यह देखा गया है कि चैनल झूठे दावे कर रहे हैं और अक्सर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों या एक्‍टर्स को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। इस दौरान निंदनीय सुर्खियों या टैगलाइन का उपयोग पूरी तरह से समाचार से संबंधित नहीं है। यह भी देखा गया कि इन चैनलों के कई पत्रकारों और समाचार एंकरों ने दर्शकों को उकसाने के इरादे से ‘मनगढ़ंत और अतिशयोक्तिपूर्ण’ बयान दिए।

एक चैनल ने परमाणु हमले का सबूत होने का दावा करते हुए मनगढ़ंत तस्वीरें प्रसारित कीं

एडवाइजरी में ‘परमाणु पुतिन के बारे में चिंतित जेलेंस्की’, ‘परमाणु एक्शन की चिंता से जेलेंस्की को डिप्रेशन’ जैसे टैगलाइन या सुर्खियों के उपयोग के उदाहरणों का भी हवाला दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के असत्यापित दावे को गलत तरीके से उद्धृत करते हुए कहा गया कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है। एडवाइजरी में कहा गया कि एक चैनल ने यूक्रेन पर आगामी परमाणु हमले का सबूत होने का दावा करते हुए मनगढ़ंत तस्वीरें प्रसारित कीं। यह पूरी तरह से दर्शकों को गुमराह करने और उनके अंदर मनोवैज्ञानिक उथल-पुथल पैदा करने का इरादा रखता है।

ऐसे तो बड़े पैमाने पर शांति भंग हो सकती है

दिल्ली दंगों पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक समाचार चैनल पर बार-बार तलवार लेकर एक विशिष्ट समुदाय के एक व्यक्ति की वीडियो क्लिपिंग और दूसरे चैनल द्वारा किए गए दावों पर आपत्ति जताई कि धार्मिक जुलूस को निशाना बनाने वाली हिंसा पूर्व नियोजित थी। मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों को असंसदीय, भड़काऊ और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा, सांप्रदायिक टिप्पणियों और अपमानजनक संदर्भों वाले प्रसारण बहसों के प्रति आगाह किया है, जो दर्शकों पर नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाल सकते हैं और सांप्रदायिक वैमनस्य को भी भड़का सकते हैं और बड़े पैमाने पर शांति भंग कर सकते हैं।

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