समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 मई से जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना है। 2022 में प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा होगी। बर्लिन में, प्रधानमंत्री जर्मनी के संघीय चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और दोनों नेता भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के छठे संस्करण की सह-अध्यक्षता करेंगे।
जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे
द्विवार्षिक आईजीसी एक अनूठा संवाद फोर्मेट है जिसमें दोनों पक्षों के कई मंत्रियों की भागीदारी भी देखी जाती है। यह चांसलर स्कोल्ज के साथ प्रधानमंत्री का पहला आईजीसी होगा और नई जर्मन सरकार का पहला ऐसा सरकार-से-सरकार परामर्श भी होगा। स्कोल्ज ने दिसंबर 2021 में पदभार ग्रहण किया था। अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री और चांसलर स्कोल्ज संयुक्त रूप से एक बिजनेस इवेंट को भी संबोधित करेंगे। वह जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे।
जर्मनी- राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 साल
2021 में, भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 साल पूरे होने का जश्न मनाया और 2000 से रणनीतिक साझेदार रहे हैं। यह यात्रा व्यापक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने, आपसी हित के वैश्विक मामले और दोनों सरकारों के लिए क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक अवसर होगा।
डेनमार्क में शिखर सम्मलेन
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी, डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के निमंत्रण पर आधिकारिक यात्रा पर कोपेनहेगन जाएंगे। वह डेनमार्क द्वारा आयोजित किए जा रहे दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप भारत और डेनमार्क के बीच अपनी तरह की पहली व्यवस्था है। यह यात्रा दोनों पक्षों को अपनी प्रगति की समीक्षा करने के साथ-साथ बहुआयामी सहयोग को और अधिक विस्तार देने के तरीकों की जांच करने का अवसर प्रदान करेगी। यात्रा के दौरान, वह एक भारत-डेनमार्क व्यापार मंच में भाग लेंगे और भारतीय प्रवासियों के सदस्यों को भी संबोधित करेंगे।