पटियाला में कर्फ्यू हटा, लेकिन मोबाइल इंटरनेट पर रोक

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समग्र समाचार सेवा

पटियाला/चंडीगढ़, 30 अप्रैल। खालिस्तान समर्थक संगठनों व हिंदू संगठनों के सदस्‍यों के बीच शुक्रवर को हुए टकराव के बाद पटियाला जिले में लगाया गया कर्फ्यू शनिवार सुबह हटा लिया गया। शहर में आज स्थिति सामान्‍य हैं और स्‍कूल व विभिन्‍न प्रतिष्‍ठान भी खुले हुए हैं। इसके बावजूद प्रशासन पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है।

सुबह 9.30 बजे से शाम छह बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक

बता दें कि पटियाला में शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया था। शहर और जिले में कर्फ्यू के समय को तो नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है। डीसी साक्षी साहनी ने पटियाला जिला में आज मोबाइल इंटरनेट सर्विस (2G, 3G ,4G ,सीडीएमए) सभी एसएमएस, सभी डोंगल के इस्तेमाल पर सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक पाबंदी लगा दी है।  इस संबंध में संबंधित टेलीकॉम कंपनियों को भी जिला प्रशासन ने सूचित कर दिया है। इस दौरान मोबाइल फोन पर वॉयस कॉल की सुविधा मुहैया रहेगी।

मुख्यमंत्री ने दिए घटना की जांच के आदेश

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शांति की अपील करते हुए घटना की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत तीन मामले दर्ज किए हैं, जबकि हिंदू संगठन से जुड़े एक व्यक्ति हरीश सिंगला के खिलाफ हिंसा फैलाने का मामला दर्ज करते हुए उसे रात को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, जिला प्रशासन ने ‘शांति कमेटी’ बनाकर आज (शनिवार को) दोनों पक्षों की बैठक बुलाई है। दूसरी ओर गुस्साए हिंदू संगठनों ने पंजाब बंद की अपील की है।

खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च‘ निकाला गया

उल्लेखनीय है कि शहर में शुक्रवार सुबह करीब दस बजे शिवसेना बाल ठाकरे की ओर से ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकाला गया। खालिस्तान समर्थक शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के नेतृत्व में कुछ और संगठनों ने भी इसी समय विरोध में मार्च शुरू कर दिया। सुबह करीब 11 श्री काली देवी मंदिर के बाहर हिंदू सगंठनों के कार्यकर्ताओं और खालिस्तान समर्थक संगठनों के कार्यकर्ताओं का आमना-सामना हो गया। तनातनी बढ़ने के बाद दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया। हिंदू संगठन के सदस्यों का आरोप है कि पथराव की शुरुआत मंदिर के बाहर से गुजर रहे खालिस्तान समर्थक संगठन के कार्यकर्ताओं ने की। वहीं, खालिस्तान समर्थक संगठनों के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उन पर मंदिर के भीतर से पथराव हुआ।

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