11 देशों में मिले मंकीपाक्स के 80 मामले, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को भी दी चेतावनी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21मई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 देशों में मंकीपाक्स के 80 मामलों की पुष्टि की है। संगठन इस नई बीमारी को लेकर रिसर्च कर रहा है ताकि इसके पीछे के कारणों के साथ होने वाले जोखिमों का पता लगाया जा सके। गुरुवार को जारी बयान में WHO ने कहा कि यह वायरस एंडेमिक यानि स्थानीय स्तर का है जो कुछ देशों के जानवरों में मौजूद है। इससे स्थानीय पर्यटकों व लोगों के बीच ही यह संक्रमण फैलता है।
हालांकि शुक्रवार को भारतीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आइसीएमआर को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाईअड्डे और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है। बता दें कि एंडेमिक के तहत आने वाली महामारी की पूरी तरह खत्म होने की संभावना नहीं होती लेकिन यह संक्रमण अधिक नहीं फैलता। WHO के अनुसार इस स्थिति में लोगों को हमेशा के लिए उसी संक्रमण के साथ जीना पड़ता है।

मंकीपाक्स पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में देखा गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। वायरस के दो मुख्य स्ट्रेन हैं पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी। यूके में मिले संक्रमित रोगियों में से दो ने नाइजीरिया से यात्रा की थी। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि ये पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि मंकीपाक्स चेचक वायरस परिवार से संबंधित है।

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